शक के घेरे में आया इंडिया टुडे ग्रुप का स्टिंग ऑपरेशन, क्या उनके ही पत्रकार ने पैदा किया ABVP छात्र
कल दिल्ली पुलिस ने जैसे ही प्रेस कांफ्रेंस कर जेएनयू हिंसा में लेफ्ट विंग समूह के छात्रों का हाथ बताया उसके कुछ देर बाद इंडिया टुडे ग्रुप ने एक स्टिंग ऑपरेशन ब्रॉडकास्ट किया था. उनके इस स्टिंग ऑपरेशन के अनुसार इंडिया टुडे ये दावा कर रहा था कि जेएनयू में 5 जनवरी शाम को जो दूसरा हमला हुआ था उसमे अक्षत अवस्थी नामक एक ABVP कार्यकर्ता भी शामिल था. इस स्टिंग ओपरेशन में अक्षत ने ये दावा किया था कि वो खुद ABVP कार्यकर्ता हैं और उसी ने नकाबपोश लोगो को एकत्रित कर जेएनयू के लेफ्ट विंग पर हमला किया था. हालाँकि इस स्टिंग ऑपरेशन के लाइव होने के बाद खुद ABVP सामने आया और उसने ट्वीट कर ये जानकारी दी कि अक्षत अवस्थी उनके संघठन ABVP कार्यकर्ता नहीं हैं. उसका ABVP से कोई लेना देना नहीं हैं. इंडिया टुडे तथ्यों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा हैं.
बता दे कि इंडिया टुडे ये दावा कर रहा था कि उनके खोजी पत्रकारों की टीम ने JNU हिंसा के आरोपियों को पकड़ उनसे बात की और पर्दा फाश किया. इंडिया टुडे ने इस बावत एक विडियो भी ट्वीट किया. इसमें उनके पत्रकार राहुल कँवल ये बताते हैं कि ये विडियो उनकी ‘मेगा इन्वेस्टिगेशन’ का पहला पार्ट हैं. ये स्पेशल इन्वेस्टिगेशन इंडिया टुडे के दो खोजी पत्रकारों जमशेद खान और नितिन जैन द्वार की गई थी. इस स्टिंग ओपरेशन के विडियो में अक्षत अवस्थी खुद को जेएनयू में फ्रेंच बीए के फर्स्ट इयर स्टूडेंट बताते हैं. वे विडियो में बताते हैं कि कैसे उन्होंने अकेले ने सभी छात्रों को एकत्रित किया और योजनाबद्ध तरीके से लेफ्ट विंग समूह पर हमला किया. उनका ये भी कहना होता हैं कि उन्होंने पेरियार हॉस्टल से डंडा निकाला था. वे कहते हैं कि मैं कानपूर से हूँ और वहां इस तरह की गुंडाई आम बात हैं.
#JNUTapes | JNU’s 1st year student confesses to leading attacks on Jan 5
Watch LIVE with @rahulkanwal: https://t.co/4fqxBVUizL pic.twitter.com/zABFDyknuj— India Today (@IndiaToday) January 10, 2020
इस स्टिंग ओपरेशन के बाद ABVP का भी एक ट्वीट आया. इसमें उन्होंने कहा कि इंडिया टुडे दावा कर रहा हैं कि अक्षत अवस्थी ABVP का कार्यकर्ता हैं. जबकि ऐसा नहीं हैं. अवस्थी ना तो ABVP कार्यकर्ता है और ना ही उसके पास ABVP का कोई पद हैं. ये बस इंडिया टुडे ग्रुप का एक कैम्पेन हैं जिसमे तथ्यों से ध्यान भटकाया जा रहा हैं.
Akshat Awasthi is neither an office bearer, nor a karyakarta of ABVP, as claimed by @IndiaToday. This is a smear campaign run by India Today to deviate everyone from the facts put forth by @DelhiPolice proving #LeftBehindJNUVoilence.
– National General Secretary @nidhitripathi92
— ABVP (@ABVPVoice) January 10, 2020
गौरतलब हैं कि इंडिया टुडे ने अपना ये स्टिंग ओपरेशन ठीक उस समय बाद लाइव किया जब दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा में आईशी घोष सहित 9 लेफ्ट विंग के स्टूडेंट्स का नाम उजागर किया था. दिल्ली पुलिस के अनुसार इस हिंसा में मिली अभी तक की जानकारी के अनुसार लेफ्ट विंग के 4 समूह शामिल थे. दिल्ली पुलिस ने ये भी बताया था कि ये उनकी इन्वेस्टिगेशन की पहली ब्रीफिंग हैं. जैसे जैसे और सबुत एवं नाम मिलेंगे वे उसे जनता के सामने पेश करेंगे. दिल्ली पुलिस ने ये सभी सबूत और नाम सोशल मीडिया पर वायरल फोटो, विडियो और व्हाट्सएप्प ग्रुप के आधार पर एकत्रित किए थे. उनका कहना हैं कि 4 जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में जो तोड़फोड़ हुई थी उस वजह से वहां के सीसीटीवी कैमरा खराब हो गए थे. इसलिए उन्हें उससे कोई भी फुटेज नहीं मिल पाई हैं.
इस स्टिंग ओपरेशन के अगले दिन ही ABVP कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले अक्षत अवस्थी का एक और बयान भी सामने आया जिसमे उसने कहा था कि मैंने ये सब शेखी बघारने के लिए झूठ बोला था.’ इस तरह एक ही दिन में इंडिया टुडे की इन्वेस्टिगेशन के सस्पेक्ट का पलट जाना कई सारे संदेह पैदा करता हैं कि कहीं जानबूझकर उन्ही लोगो ने तो इसे क्रिएट नहीं किया.