अमावस्या की रात काले वस्त्र पहन बोले ये भैरव मंत्र, बड़े से बड़ा दुश्मन भी घुटने टेक देगा
इस दुनिया में हमारे मित्र भी बनते हैं और दुश्मन भी बनते हैं. जहाँ एक तरफ दोस्त हमारे सुखों की वजा बनते हैं तो वहीं दूसरी तरफ दुश्मन हमारे दुखों का कारण होते हैं. ऐसे में हर किसी की यही तमन्ना होती हैं कि वो अपने शत्रुओं की हर चाल फ़ैल कर दे. उसकी हर साजिश नाकाम हो. वो आपके सामने घुटने टेकने को मजबूर हो जाए. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसा ख़ास मंत्र बताने जा रहे हैं जिसे हास विधि से जपने के पश्चात दुश्मन आपके सामने या तो हार मान लेगा या आप से दोस्ती ही कर लेगा. मतलब हर हाल में आपको अपने दुश्मन से छुटकारा मिल ही जाएगा.
अपने दुश्मन की अक्ल ठिकाने लगाने के लिए आपको भैरव नाथ जी के सामने एक ख़ास मंत्र का जाप करना होगा. इस उपाय को करने के लिए अमावास या अष्टमी का दिन बेहतर रहता हैं. इसे आप अपने घर के आसपास के किसी भी भैरव मंदिर में कर सकते हैं. इसे दोपहर में 1 बजे के आसपास करने से सबसे ज्यादा लाभ मिलता हैं. अमावस और अष्टमी के अतिरिक्त आप इसे शनिवार के दिन भी कर सकते हैं. इसे उपाय को करते समय आपको काले रंग के वस्त्र पहनना हैं.
इस उपाय हेतु अमावास, अष्टमी या शनिवार के दिन आले वस्त्र धारण कर भैरव नाथ मंदिर में चले जाए. यहाँ सफ़ेद कागज़ पर लाल रंग की स्याही से अपने दुश्मन का नाम लिखे. इसके बाद उस कागज़ को फिल्ड कर अपने हाथ में रखे और इस मंत्र का 21 बार जाप करे – ऊं क्षों क्षों भैरवाय नम: . ये मंत्र आप पूर्ण आत्मविश्वास और लगन के साथ बोले. इस दौरान आपको भैरवनाथ जी और अपने शत्रु का ध्यान मन में करना हैं. जिस दिन आप ये मंत्र स्टार्ट करे उसके बाद अगले 21 दिनों तक आपको इसका जाप करना हैं. हालाँकि बाकी के दिन आप इसे घर में भी जप सकते हैं. 21 दिनों के बाद पुनः भैरव मंदिर जाए और वहां माथा टेक शत्रु का नाम लिखा कागज़ एक शहद की शीशी में डाल भैरवजी के पास छोड़ दे. इसके बाद आपको पीछे मुड़ के नहीं देखना हैं.
इस मंत्र को आजमाने के बाद आपका शत्रु आपके वश में आ जाएगा. वो आपके प्रति नफरत करना छोड़ देगा. या तो आप से दूर ही रहेगा या फिर आपका दोस्त भी बन सकता हैं. इस उपाय को यदि आप पूर्ण विधि से करते हैं तो आपको जीवन में कभी किसी शत्रु से डरने की जरूरत नहीं होती हैं. एक और बात का ध्यान रहे कि आप जिस दिन भी ये मंत्र का जाप करे उस दिन किसी भी प्रकार के नशे या मांसाहार भोजन का सेवन ना करे. साथ ही पहले और 21वे दिन आप भैरव नाथ जी के नाम का व्रत भी रख सकते हैं. इससे आपका उपाय और भी प्रबल हो जाएगा.
उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी दी गई ये जानकारी पसंद आई होगी. यदि ये उपाय अच्छा लगा तो इसे दूसरों के साथ साझा करना न भूले. आखिर लाइफ में हर किसी के दुश्मन होते हैं जिनसे उन्हें छुटकारा चाहिए.