Breaking : अगले हफ्ते हो सकती है बैंकों में हड़ताल, निपटा लें सारे काम
अगर आप बैंक के कामों में लापरवाही कर रहे हैं। और सोच रहे हैं कि अगले हफ्ते पूरा कर लेंगे। तो जरा सम्हल जाइये। सारे काम छोड़कर सबसे पहले बैंक के काम पूरे कीजिए। अगर आपने बैंक के काम में लापरवाही बरती तो आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। आपको बता दें कि 8 जनवरी से बैंकों की हड़ताल हो सकती है। और अगर हड़ताल होती है तो ग्राहकों का लेनदेन निश्चित रूप से प्रभावित होगा। बैंकिंग सेक्टर के केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 8 जनवरी से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि इस हड़ताल के समर्थन में लगभग 10 बैंक यूनियन शामिल हैं। जबकि इस हड़ताल का नेतृत्व अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ कर रही हैं।
इस हड़ताल का उद्देश्य सरकार की नीतियों का पुरजोर विरोध करना है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ का कहना है कि इस हड़ताल का एकमात्र उद्देश्य सरकार की नीतियों का विरोध है। इस हड़ताल के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा करने, श्रम कानूनों में संशोधन का विरोध या उस पर रोक और जॉब सिक्योरिटी संबंधी मांगे सरकार के सामने रखी जाएंगी।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सीएम वेकंटचलम के अनुसार इस हड़ताल में बैंकिंग सेक्टर से जु़ड़ी प्रमुख यूनियनें शामिल होने वाली हैं। इन यूनियनों में मुख्यतः AIBEA, AIBOA, BFEI, INBEF, INBOC जैसे आदि यूनियनों के नाम प्रमुख हैं। सीएम वेकंटचलम कह रहे हैं कि इस हड़ताल में आरबीआई के कर्मचारी भी शामिल होने वाले हैं। बता दें कि इन बैंक यूनियनों के अलावा कई बीमा सेक्टर के कर्मचारी भी शामिल होने वाले हैं। इस हड़ताल में भारतीय जीवन बीमा निगम, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा सहकारी बैंक के कर्मचारी भी शामिल होंगे। कुल मिलाकर कहा जाए तो ये एक बड़ा हड़ताल है, तो बैंक संबंधी काम अगर रूके हैं तो जल्द से जल्द पूरा कर लें। क्योंकि अगर 8 तक आपके काम नहीं होते हैं तो आप फंस भी सकते हैं।
इस हड़ताल के जरिए बैंकों के विलय के फैसले का भी पुरजोर विरोध किया जा रहा है। बता दें कि तीन महीने पहले सरकार ने बैंकों के विलय की घोषणा की थी। केंद्रीय वित्तमंत्री ने 10 बैंकों के विलय की घोषणा कर दी थी। इस घोषणा के बाद 4 नए बैंक अस्तित्व में आए थे। सरकार के इस फैसले के बाद कई नामी बैंकों का वजूद ही नहीं रहेगा। इस फैसले का कर्मचारी साफतौर पर विरोध कर रहे हैं। मालूम हो कि सरकार के इस निर्णय के बाद इलाहाबाद बैंक,सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का कोई अस्तित्व मार्केट में नहीं रह जाएगा।
सरकार के इस घोषणा के बाद से ही बैंक यूनियन इस फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं। लेकिन इस विरोध का कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है, इसलिए अब बैंक कर्मचारी सड़क पर उतरने का फैसला ले चुके हैं। इस फैसले के अलावा कई ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर बैंक कर्मचारी हड़ताल करने पर विवश हो चुके हैं। बैंकिग क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि बैंकों के विलय कर देने से लोगों की नौकरियां असुरक्षित हो जाएंगी।