एक कौवा अपने आपको बिलकुल पसंद नहीं करता था, एक दिन कौवे को एक मोर मिला, जिसने..
कई बार हम लोगों को अपने जीवन की तुलना में अन्य लोगों का जीवन अच्छा लगता है और हम लोग दूसरे लोगों के पास क्या है ये देखकर जलने लग जाते हैं। जो कि सही नहीं होता है। हमें भगवान ने जो दिया है और जैसा बनाया है। हमें उसकी कदर करनी चाहिए और अपने आपसे सबसे अधिक प्यार करना चाहिए। इस विषय से एक कथा भी जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार एक जंगल में एक कौवा रहा करता था। ये कौवा अपने रंग और अपनी आवाज को पंसद नहीं करता था। एक दिन इस कौवे को बहुत तेज प्यास लगी और ये एक तलाब से पानी पीने लगा। पानी पीते समय इस कौवे की नजर तलाब में नहा रहे हंस पर पड़ी। हंस देखने में बेहद ही सुंदर था और उसको देखकर कौवे को अपने आप से नफरत होने लगी।
ये कौवा हंस के पास जाता है और हंस से पूछता है। तुम इस दुनिया के सबसे सुंदर पक्षी हो ना? हंस कौवे की बात सुनकर कहता है, मैं पहले यही सोचता था कि मैं इस दुनिया का सबसे सुंदर पक्षी हूं। लेकिन एक दिन मैंने तोते को देखा। वो तोता हरे रंग का था और बेहद ही सुंदर था। उसकी आवाज काफी मधुर थी। उस तोते को देखकर मुझे ये एहसास हो गया कि मैं इस दुनिया का सबसे सुंदर पक्षी नहीं हूं।
हंस की ये बात सुनकर कौवे का मन तोते को देखने का हुआ और कौवा तुरंत तोते से मिलने पहुंच गया। तोते को देखकर कौवे को हंस की बात पर यकीन हो गया कि तोता सबसे सुंदर पक्षी है। कौवे ने तोते से कहा तुम तो इस दुनिया के सबसे सुंजर पक्षी हो। तोते ने हंसते हुए कहा, नहीं मोर नाम का पक्षी मेरे से भी सुंदर और बड़ा है और वो इस दुनिया का सबसे सुंदर पक्षी है।
तोते की बात सुनकर कौवे का मन मोर से मिलने का हुआ और कौवा मोर के पास चले गया। मोर को देख कौवे को तोते की बात पर विश्वास हो गया कि मोर से सुंदर और कोई पक्षी इस दुनिया में नहीं हैं।
कौवे ने मोर के पास जाकर उससे कहा, तुम तो बेहद ही सुंदर और बड़े हो। तुमको इस दुनिया का सबसे सुंदर पक्षी कहा जाता है। तुम्हें ये सुनकर काफी खुशी होती होगी। मोर निराश मन से कौवे से कहता है “नहीं बिलकुल नहीं। कौवा मोर से नहीं कहने का कारण पूछता है। मोर कौवे से कहता है कि मेरी सुंदरता के कारण मुझे छुपकर रहना पड़ता है। क्योंकि लोग मुझे पकड़कर पिंजरे में बंद कर देते हैं। मेरे हिसाब से तुम इस दुनिया के सबसे सुंदर पक्षी हो। क्योंकि तुम अपनी मर्जी से किसी भी जगह जा सकते हों और तुम्हे कोई भी शिकारी नहीं पकड़ता है। अगर तुम भी मेरी तरह दिखते तो तुम्हें भी शिकारी पकड़ लेते हैं और पूरी जिंदगी तुम्हें पिंजरे में गुजारनी पड़ती।
मोर की ये बात सुन कौवे को समझ आ गया कि अपनी तुलना किसी से नहीं करना चाहिए और भगवान ने जैसा तुम्हें बनाया है उसकी तुम्हें कदर करनी चाहिए।