Sade Sati 2020 : जानें साढ़ेसाती के दौरान किस अंग पर शनि का पड़ता है सबसे अधिक प्रभाव
कुंडली में साढ़ेसाती आने पर जातक के शरीर को कष्ट पहुंचता है और जातक को समय समय पर चोट लगती रहती है। कुंडली में साढ़ेसाती आने का मतलब साढ़े सात साल तक शनि के प्रकोप का सामना करना होता है। इन साढ़े सात सालों में शनि जातक के शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर रहता है । हालांकि ये जरूरी नहीं है कि साढ़े सात साल तक शनि जातक को केवल दुख ही दे। कई बार शनि की साढ़ेसाती शुभ फल भी देती है।
साढ़ेसाती के दौरान ये ग्रह जातक के किस अंग को कितनी अवधि तक प्रभावित करता है, ये आज हम आपको बताने जा रहे हैं। लेकिन उससे पहले आप ये जान लें कि शनि ग्रह की वजह से शरीर के किन अंगों पर प्रभाव पड़ता है।
इन हिस्सों को करता है शनि ग्रह प्रभावित
मस्तिष्क, मुख, आंखे, हाथ. दिल, पैर और गुदा
किस अंग को कितनी अवधि तक करता है प्रभावित-
मस्तिष्क
कुंडली में शनि की साढ़ेसाती शुरू होते ही सबसे पहले जातक के दिमाग पर इस ग्रह का प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार शनि शुरू के 10 महीनों तक दिमाग को प्रभावित करता है। हालांकि ये प्रभाव ज्यादा अधिक और खतरनाक नहीं होता है।
मुंह
10 महीने बाद शनि ग्रह मुख को प्रभावित करता है और 3 महीने 10 दिनों तक जातक को मुख से संबंधित परेशानी रहती है। ज्योतिष के अनुसार शनि का मुख पर बुरा प्रभाव पड़ता है और जातक को हानि होती है।
आंखे
मुंह पर प्रभाव डालने के बाद शनि का प्रभाव दाहिना नेत्र पर पड़ता है और ये प्रभाव अच्छा होता है। 3 माह 10 दिन तक शनि दाहिने नेत्र को प्रभावित करता है और उसके बाद बायां नेत्र पर प्रभाव डालता है। बायां आंख पर भी शनि का प्रभाव 3 माह 10 दिनों तक होता है और ये प्रभाव शुभ होता है।
भुजा
आंखों के बाद शनि ग्रह का प्रभाव दाहिनी भुजा पर पड़ता है और ये असर 1 वर्ष 1 माह 10 दिन तक रहता है। दाहिनी भुजा के बाद इस ग्रह का असर बायीं भुजा पर पड़ता है और ये प्रभाव 1 वर्ष 1 माह 10 दिन तक रहता है।
ह्रदय
2 साल 2 महीने 20 दिनों तक भुजा को प्रभावित करने के बाद शनि दिल पर असर डालता है और ये असर शुभ होता है। दिल पर शनि का असर 1 वर्ष 4 माह 20 दिनों तक रहता है और इस दौरान धनलाभ होता है।
पैर
दिल के बाद शनि पैरों को प्रभावित करता है, दाहिना पैर पर शनि 10 महीनों तक रहता है और इस दौरान जातक को खूब यात्रा करनी पड़ती है। 10 महीने बाद शनि
बायां पैर पर आ जाता है और इस दौरान जातक को संघर्ष का सामान करना पड़ता है। बायां पैर पर भी शनि 10 महीने की अविध के लिए रहता है।
गुदा
साढ़ेसाती के अतिंम 6 माह 20 दिनों में शनि गुदा को प्रभावित करता है और इस दौरान जातक को मानसिक चिन्ता और कष्टों का सामान करना पड़ता है।
करें ये उपाय
साढ़ेसाती शुरू होने पर आप शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें और उन्हें काले तिल, सरसों का तेल अर्पित करें। ऐसा करने से साढ़ेसाती के दौरान शनि ग्रह का प्रकोप आप पर अधिक नहीं पड़ेगा और शरीर को ज्यादा कष्ट नहीं पहुंचेगा।