8 आतंकी हमलों में 100 लोगों की जान गई तब आई पाकिस्तान को अक्ल, पाकिस्तान ने हाफिज सईद को माना आतंकी!
आतंकवाद और आतंकवादियों पर विश्वभर से दबाव महसूस करने के बाद अंततः पाकिस्तान ने दुनिया में मोस्ट वांटेड आतंकियों में शुमार हाफिज सईद को आतंकी मान लिया है. पाकिस्तान ने जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद का नाम एंटी टेररिज्म एक्ट के तहत चौथी अनुसूची में शामिल कर लिया है.
इतना ही नहीं सईद के सहयोगी काजी काशिफ का नाम भी ATA की 4th शेड्यूल में शमिल किया गया है. हाफिज सईद के खिलाफ यह कार्रवाई फ़िलहाल पाकिस्तान की पंजाब प्रोविंस ने की है. पाकिस्तान की इस सूची में 1450 नाम शामिल हैं.
हाफिज सईद का नाम ATA में शामिल:
हाफिज सईद का नाम ATA की चौथी अनुसूची में शामिल किये जाने की बात पाकिस्तानी अख़बार डॉन की एक रिपोर्ट में प्रकाशित की गई है. रिपोर्ट के अनुसार ऐसा पाकिस्तान की फ़ेडरल होम मिनिस्ट्री के आदेश के तहत किया गया है.
आतंकी हाफिज सईद वही आतंकी है जिसने साल 2008 में भारत में हुये मुंबई हमले की साजिश रची थी और वो भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है. हाफिज सईद को तब पाकिस्तान सरकार ने नजरबन्द किया था लेकिन साल 2009 में वहां की एक कोर्ट ने उसे मुक्त कर दिया था. हाफिज सईद पर अमेरिकी सरकार ने 10 मिलियन का ईमान भी घोषित कर रखा है. पाकिस्तान सरकार ने सईद पर यह कार्रवाई 8 आतंकी हमलों में 100 लोगों की जान जाने के बाद की.
साथ ही इस लिस्ट में कुछ और आतंकवादियों के नाम भी शामिल किये गये हैं. ऐसे में एक बार पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ खड़ा होता नजर आ रहा है. कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने हाफिज सईद को नजरबन्द कर दिया था और अब उसका नाम एंटी टेररिज्म एक्ट की चौथी अनुसूची में शामिल किया गया है.
क्या है पाकिस्तान का एंटी टेररिज्म एक्ट (ATA)?
दरअसल ATA पाकिस्तान का आतंकवाद रोधी कानून है जिसके तहत सरकार को यह अधिकार है कि वह किसी भी शख्स की पहचान करके उसके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई कर सकती है, इसके लिये उसका नाम इस कानून की चौथी अनुसूची में शामिल होना चाहिये.
पाकिस्तान में यह कानून साल 1997 में लागू हुआ था. इस कानून की धारा 11 ईई के मुताबिक ऐसा कोई भी व्यक्ति जो आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हो, या किसी प्रतिबंधित संगठन का सदस्य हो या इंटीरियर मिनिस्ट्री की वाच लिस्ट में हो या आतंकवाद फैलाने वाले संगठन में शामिल हो उसका नाम इस कानून की चौथी अनुसूची में शामिल किया जा सकता है.
जिस व्यक्ति का नाम इस सूची में शामिल किया जाता है उसे लोकल पुलिस थाने में रोज हाजिरी लगानी होती है और उसपर सरकार हमेशा नजर बनाये रखती है.