अध्यात्म

क्या आप जानते हैं कि भगवान् विष्णु शेषनाग को अपना बिस्तर बनाकर क्यों सोते हैं उसपर, जानिए!

भगवान विष्णु की अपरमपार महिमा के बारे में कौन नहीं जनता है। भगवान विष्णु हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। ये हमेशा अपने भक्तों के मन की आवाज को सुनकर, उनके कष्टों का निवारण करते हैं। इनकी पूजा जो भी व्यक्ति वृहस्पतिवार के दिन करता है, वह ज्यादा प्रसन्न होते हैं और उसकी हर मनोकामना की पूर्ति करते हैं। इन्हें श्रृष्टि का पालनहार भी कहा जाता है। तीनों मुख्य देवताओं में से सबसे दयालु इन्हें ही माना जाता है। यह अपने किसी भी भक्त को कभी भी खाली हाथ नहीं लौटाते हैं।

क्षीरसागर में शेषनाग के ऊपर लेटकर करते हैं आराम:

आपने अक्सर भगवान विष्णु को गरुड़ पर सवारी करते देखा होगा। जब वह आराम करना चाहते हैं और क्षीर सागर में शेषनाग के ऊपर लेटकर करते हैं। क्या आपने कभी इसपर विचार किया है कि आखिर क्यों भगवान विष्णु शेषनाग को ही अपना बिस्तर बनाकर उसपर आराम करते हैं? बहुत कम ही लोग होंगे जो इसकी सच्चाई जानते होंगे। आज हम आपको इससे जुड़ी सच्चाई बताने जा रहे हैं। आपको बता दें साँपों के इस बिस्तर को अनंत शैया कहते हैं।

 

इस वजह से भगवान विष्णु का बिस्तर है शेषनाग:

*- पुरानों में ऐसा व्यक्त है कि भगवान विष्णु का यह रूप समय का मार्गदर्शक है। इस अवतार में भगवान विष्णु धरती पर बढ़े हुए पाप का अंत करते हैं।

*- भगवान विष्णु के शेषनाग पर आराम करने का सबसे बड़ा कारण ये भी है कि उन्हें इससे खुद की उर्जा एकत्रित करने में मदद मिलती है। जब भगवान विष्णु शेषनाग पर लेटे होते हैं तो उनकी स्वयं की समस्त उर्जा एकत्रित होती है और वह अपने विचरों को सही से व्यक्त कर पाते हैं।

*- शेषनाग पर लेटे रहने के पीछे एक और कारण माना जाता है कि, ऐसा करने से वह सभी ग्रहों, मंत्रो और नक्षत्रों पर नियंत्रण कर पाते हैं। यह समय के लिए श्रेष्ट माना जाता है।

*- शेषनाग को भगवान विष्णु का रक्षक भी माना जाता है, इसलिए वह हमेशा उनकी नजरों के सामने रहते हैं। आपको याद होगा बचपन में जब वासुकिदेव श्रीकृष्ण को नदी पार करा रहे थे, उस समय शेषनाग ने ही अपने फन से बारिश के पानी को रोककर उनकी रक्षा की थी।

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