रिकॉर्ड ऊंचाई की ओर FDI, मार्च अंत तक 2.68 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है!
8 नवंबर को हुए नोटबंदी के निर्णय के बाद देश की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गयी थी लेकिन इसके बावजूद इस वित्त वर्ष भारत विदेशी निवेश के मामले में नए रेकॉर्ड बनाने के करीब है. भारत में आने वाला विदेशी इन्वेस्टमेंट इस साल मार्च अंत तक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है. ऐसा तब देखने को मिल रहा है जब दुनियाभर में एफडीआई पिछले साल 16 फीसदी गिरा है.
विदेशी निवेश के मामले में वैश्विक रूप से पिछला साल सही नहीं रहा था वहीं इसके विपरीत भारत ऐसे माहौल में भी आर्थिक स्थिरता की ओर बढ़ता दिख रहा है. भारत अभी भी इन्वेस्टर्स के लिए आकर्षित बना हुआ है. सरकार का मानना है कि फाइनेंशियल ईयर 2016-17 तक भारत में एफडीआई 40 अरब डॉलर (करीब 2.68 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंच सकता है.
भारत के एफडीआई में 22 फीसदी की ग्रोथ :
भारत में अप्रैल-दिसंबर के बीच विदेशी निवेश पिछले साल के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़ कर 35.8 बिलियन डॉलर (करीब 2.4 लाख करोड़ रुपए) पहुंच चुका है. सरकार का मानना है कि फाइनेंशियल ईयर 2016-17 तक भारत में एफडीआई 40 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
सबसे ज्यादा एफडीआई सर्विसेज में :
सर्विसेज में सबसे ज्यादा एफडीआई देखा गया है. दिसंबर तक नौ महीने में कुल एफडीआई में 18 फीसदी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज में आया है. इसके बाद, कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट, टेलिकम्युनिकेशंस, कंप्यूटर हार्डवेयर और ऑटोमोबाइल का नंबर आता है.
सरकार की उदारवादी नीति :
सरकार ने देश की एफडीआई पॉलिसी में पिछले दो सालों में कई उदारवादी सुधार किए हैं. इसके मद्देनजर कई सेक्टरों को ऑटोमैटिक अप्रुवल के अंतर्गत लाया गया है जिससे विदेशी निवेश को बढ़ाया जा सके. ओवररीज इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए ऑटोमैटिक अप्रूवल रूट के तहत कई सेक्टर्स को शामिल किया गया है। डीआईपीपी के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि भारत में फॉरेन इन्वेस्टर्स की रुचि लगातार बढ़ रही है। हमारे पास पहले से कहीं ज्यादा प्रपोजल आ रहे हैं. सरकार की आधिकारिक इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन एंड फैसिलिटेशन एजेंसी, इन्वेस्ट इंडिया के पास 62 अरब डॉलर के 295 डील्स आए हैं जिसमें से अभी तक 3 अरब डॉलर आ चुके हैं.