सर्जरी के लिए नहीं थे पैसे फिर बच्ची ने लिखा PM मोदी को खत और बदल गयी इस बच्ची की दुनिया
दिल की बीमारी से जूझ रही पुणे की छह वर्षीय वैशाली यादव ने सोचा भी नहीं था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे उसके पत्र पर इतनी तेजी से कार्रवाई होगी और उसे अपने दिल के आपरेशन के लिए मदद मिलेगी। यह मदद मिलने पर उसकी सर्जरी हुई और अब उसके स्वास्थ्य में सुधार आ रहा है। एक गरीब परिवार से आने वाली वैशाली यादव के दिल में छेद था। मकानों की पुताई कर घर का खर्च चलाने वाले उनके पिता के लिए दिल के आपरेशन का खर्च उठाना संभव नहीं था और उन्होंने दवाइयां खरीदने के लिए खिलौने और साइकिल तक बेच दी थी।
कक्षा दो की विद्यार्थी वैशाली ने एक दिन प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखकर उन्हें अपने स्वास्थ्य की स्थिति और अपने परिवार की वित्तीय असमर्थता की जानकारी देते हुए इलाज का खर्च उठाने की मदद मांगी। एक सप्ताह के भीतर, प्रधानमंत्री कार्यालय ने पुणे जिला प्रशासन को अलर्ट किया।
जिले के अधिकारियों ने उसके परिवार का पता लगाया और लड़की को रूबी हॉल क्लिनिक में भर्ती कराया जहां दो जून को उसका नि:शुल्क आपरेशन किया गया। वैशाली के चाचा प्रताप यादव ने कहा, ‘ वैशाली के दिल में छेद था और विभिन्न अस्पतालों का चक्कर लगाने के बाद हमें पता चला कि इस सर्जरी का खर्च तीन लाख रपये से अधिक है। माली हालत के चलते यह आपरेशन कराने में हम असमर्थ थे।’
जिले के अधिकारियों ने उसके परिवार का पता लगाया और लड़की को रूबी हॉल क्लिनिक में भर्ती कराया जहां दो जून को उसका नि:शुल्क आपरेशन किया गया। वैशाली के चाचा प्रताप यादव ने कहा, ‘ वैशाली के दिल में छेद था और विभिन्न अस्पतालों का चक्कर लगाने के बाद हमें पता चला कि इस सर्जरी का खर्च तीन लाख रपये से अधिक है। माली हालत के चलते यह आपरेशन कराने में हम असमर्थ थे।’
यादव ने कहा, ‘ एक महीने पहले, वैशाली टीवी देख रही थी जहां उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देखा और उन्हें देखकर उसने उन्हें पत्र लिखने की ठानी। वैशाली ने अपने पत्र के साथ स्कूल का पहचान पत्र भी संलग्न किया और मुझे इसे पोस्ट करने को कहा। मुझे उम्मीद नहीं थी कि इसका जवाब आएगा।’ ‘ हालांकि, एक सप्ताह के भीतर जिला प्रशासन के कुछ कर्मचारियों के साथ स्कूल से कुछ लोग हमें ढूंढते आए और बाद में कलेक्टर के साथ हमारी एक बैठक कराई गई।’
जिला कलेक्टर सौरभ राव ने बताया कि उन्हें 24 मई को पीएमओ से संदेश मिला और तत्काल उस परिवार का पता लगाया गया। ‘ आईएएस अधिकारी और पीएमओ में निदेशक डाक्टर श्रीकर परदेशी ने इस पत्र के बारे में सूचित करने के लिए निजी तौर पर मुझे फोन किया और उस लड़की की मदद करने को कहा।’ रूबी हॉल क्लिनिक के चिकित्सा निदेशक डाक्टर संजय पथारे ने कहा कि लड़की को 2 जून को अस्पताल में भर्ती किया गया और 4 जून को उसका आपरेशन किया गया। अब वह ठीक है और कल ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। राव ने कहा कि वैशाली के आपरेशन की रिपोर्ट उनके कार्यालय द्वारा पीएमओ को भेज दी गई है।