डिप्टी कलेक्टर ने बेटे की शादी में छपवाया अनोखा निमंत्रण कार्ड, देखकर आप भी करोगे तारीफ़
भारत की शादियों में जब तक लोग शो ऑफ ना करे तब तक उन्हें मजा नहीं आता हैं. समाज में अपनी शादी की वाह वाही लूटने के चक्कर में लोग बहुत ज्यादा खर्चा कर डालते हैं. शादी के कार्ड से लेकर सजावट, खाना पीना और आतिशबाजी बैंड बाजा इत्यादि चीजें बहुत कॉमन हो गई हैं. वैसे एक बात जो बहुत कम लोग नोटिस करते हैं वो ये कि जितनी बड़ी शादी होती हैं उसके बाद उतना ही सारा कचरा जमा हो जाता हैं. ये कचरा हमारे पर्यावरण और हम इंसानों दोनों के लिए नुकसानदायक होता हैं. ऐसे में तमिलनाडु के कांचीपुरम की रहने वाली एक डिप्टी कलेक्टर ने अपने बेटे की शादी में इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा. उन्होंने बेटे की शादी के लिए एक ऐसा निमंत्रण कार्ड छपवाया हैं जिसकी बहुत तारीफें हो रही हैं.
आमतौर पर शादी के जितने भी कार्ड बनते हैं वे मोटे कागज़ या प्लास्टिक की शीट्स के होते हैं. प्लास्टिक तो हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता ही हैं वहीं कागज पेड़ो की छल से निर्मित होते हैं. ऐसे में तमिलनाडु के कांचीपुरम की डिप्टी कलेक्टर सेल्वमती वेंकटेश ने बेटे की शादी के कार्ड का एक नया, अनोखा और दिलचस्प तरीका अपनाया हैं. दरअसल उन्होंने बेटे की शादी का निमंत्रण कार्ड रुमाल के ऊपर छपवाया हैं.
रुमाल पर बने शादी के इस कार्ड में ख़ास बात ये हैं कि इसे दो से तीन बार धोने पर इसके ऊपर लगी स्याहीं साफ़ हो जाएगी. इसके बाद लोग इसे नार्मल रुमाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. सेल्वमती वेंकटेश बताती हैं कि शादी के कार्ड बहुत महंगे होते हैं. शादी हो जाने के बाद इनका कोई उपयोग भी नहीं होता हैं. ये कचरे का हिस्सा बन जाते हैं. मुझे हमेशा इस बात का दुःख होता था. ऐसे में हमने रुमाल पर शादी का कार्ड छपवाने का निर्णय लिया. इसे दो से तीन बार धोने के बाद प्रिंट्स हट जाएंगे और इसका सामान्य रुमाल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता हैं. इस रुमाल वाले शादी के कार्ड के साथ ही एक कपड़े का बना पाउच भी दिया जा रहा हैं. इसका उपयोग गृहणीयां बाद में अपनी ज्वेलरी रखने के लिए कर सकती हैं.
इतना ही नहीं शादी में टिशु पेपर और प्लास्टिक के ग्लास या कप्स भी नहीं होंगे. यहाँ कपड़े से बने टॉवल और स्टील के ग्लास को प्राथमिकता दी जाएगी. इस तरह शादी में प्लास्टिक वेस्ट कम निकलेगा. इसके साथ ही निमंत्रण पत्र में नीम, सब्जियां और सागौन के बीज शामिल भी रखे जाएंगे. डिप्टी कलेक्टर साहिबा करीब च 2000 बीज अपने अतिथियों को बांटने की फिराक में हैं. इससे पर्यावरण को सुधारने में और मदद मिलेगी.
सोशल मीडिया पर लोगो को ये शादी का कार्ड बहुत पसंद आ रहा हैं. ये बात सच हैं कि शादी के बाद बहुत कचरा जमा होता हैं. एक और चीज कि शादी के कार्ड का बाद में कोई इस्तेमाल नहीं रहता हैं. इन पर भगवान के चित्र भी बने होते हैं. ऐसे में इसे रुमाल पर प्रिंट करवाना सबसे बेस्ट आईडिया हैं. वैसे क्या आप अपने घर की शादी में रुमाल वाला शादी कार्ड छपवाना चाहेंगे?