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करोड़ो कमाने के बावजूद कंगाल हो गए ये स्टार्स, वजह जान कर नहीं कर पाएंगे यकीन

मनी मैनेजमेंट करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है. जो अच्छी तरह और सही तरीके से मनी मैनेजमेंट करना जानता है उसकी प्रॉपर्टी हमेशा बढ़ती रहती है, पर जिसे मनी मैनेजमेंट करना नहीं आता उसे कंगाल होने में देर नहीं लगती. आज हम आपको कुछ ऐसे ही सेलेब्रिटीज के बारे में बताने जा रहे हैं जो सही मैनेजमेंट ना करने की वजह से अर्श से फर्श पर चले गए. वैसे कुछ लोगों ने फिर से वापस आकर फिर से अपना खोया हुआ मुकाम हासिल किया पर कुछ ऐसा करने में नाकामयाब रहे.

अमिताभ बच्चन-

इनकम सोर्स- फिल्मी, टीवी शो और विज्ञापन, ऊंचाई का दौर – अमिताभ बच्चन की टोटल प्रॉपर्टी साल 1999 मे 62.52 करोड़ों रुपए की थी. वहीं उनकी मौजूदा कुल संपत्ति 2886 66 करोड़ रुपए है. जब अमिताभ बच्चन 57 वर्ष के थे तब उनकी जिंदगी में एक बहुत ही बुरा दौर आया था. उनकी “अमिताभ बच्चन कॉरपोरेशन लिमिटेड” लगभग ₹90 करोड़ लॉस में चली गई. उस समय अमिताभ बच्चन के पास ना तो कोई फिल्म थी और ना ही पैसे. अमिताभ बच्चन एक मुकदमे में भी बुरी तरह फंस गए थे और उनके घर पर लगातार टैक्स भरने के लिए नोटिस आ रहे थे. गिरावट की वजह- अमिताभ बच्चन की कंपनी एबीसीएल ने अपनी क्षमता से अधिक खर्च करना शुरू कर दिया था. जैसे उन्होंने मिस वर्ल्ड एजेंट जैसे आयोजन में अपने पूरे पैसे लगा दिए थे. इसके बाद एबीसीएल ने बैंक से लोन लिया जिसमें वह डिफॉल्ट कर गई. अमिताभ बच्चन रिटायर हो गए थे और उनके पास कोई भी इनकम या सेविंग्स नहीं थी. सबक- इस बात से हमें यह पता चलता है कि कभी भी बिना जानकारी और विशेषज्ञता के बिना कोई भी चीज शुरू नहीं करनी चाहिए. रिटायरमेंट की एज में कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहिए. अगर हाथ में पैसा नहीं है तो किसी प्रोजेक्ट में पैसे नहीं लगाने चाहिए.

ए के हंगल-

इनकम सोर्स- फिल्में… ऊंचाई का दौर- साल 1966 से 2005 के बीच- ए के हंगल ने हमेशा चरित्र भूमिकाएं निभाई. उन्होंने 225 हिंदी फिल्मों में अभिनय किया है. इन फिल्मों में शोले, बावर्ची जैसी फिल्में प्रमुख है. ए के हंगल की कुल संपत्ति का अच्छे से पता नहीं है. लेकिन उनके पास बहुत संपत्ति थी. ए के हंगल का बुरा दौर साल 2007 के बाद शुरू हुआ. जब उन्हें काम मिलना बंद हो गया. साल 2012 में ए के हंगल की मृत्यु हुई. तब तक वह बेहद गरीबी की हालत में पहुंच गए थे. ए के हंगल 98 साल तक जीवित रहे इसीलिए रिटायरमेंट में उनकी सारी बचत खत्म हो गई. इनकम का कोई स्रोत ना होने की वजह से और चिकित्सा खर्चों ने आर्थिक समस्याओं को और बढ़ा दिया. सबक- आप अपनी रिटायरमेंट की बचत को काम छोड़ने के बाद कम से कम 20 से 25 साल बाद तक चलाएं. अपनी रिटायरमेंट में मिले पैसों को कहीं इन्वेस्ट कर दें. जिससे वह महंगाई को हमेशा मात देती रहें और हमेशा उसमें बढ़ोतरी होती रहे.

विजय माल्या-

इनकम सोर्स- यूबी ग्रुप के साथ से ज्यादा फर्मों के मालिक, ऊंचाई का दौर सन 2007 में यूनाइटेड ब्रेवरीज ग्रुप की चेयरमैन, विजय माल्या की टोटल प्रॉपर्टी 11500 करोड रुपए थी. 2016 से इनका बुरा दौर शुरू हुआ. जिस दिन 17 सरकारी बैंकों के समूह ने 9000 करोड़ रुपए वसूलने के लिए डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल द्वारा नोटिस भेजा. तब माल्या इंडिया से फरार हो गए. विजय माल्या पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के बहुत सारे आरोप लगाए गए. गिरावट का कारण -विजय माल्या ने 2005 में किंगफिशर एयरलाइंस लांच किया. जून 2012 में ये कम्पनी बंद हो गई. धीरे-धीरे इसका नुकसान बढ़ता गया. मालिया एयरलाइंस को चलाने के लिए विजय माल्या लगातार लोन लेते गए. जिसे वो वापस नहीं कर पाए. उन्होंने अपनी महंगी लाइफस्टाइल को भी बनाए रखा. सबक- नुकसान उठा रहे इन्वेस्टमेंट के साथ भावनात्मक जुड़ाव सही नहीं होता है. अपने पोर्टफोलियो के नुकसान को कम करना चाहिए और अगर लोन वापस करने में थोड़ा सा भी संदेह हो तो लोन नहीं लेना चाहिए.

निकोलस केज-

इनकम सोर्स- फिल्में, ऊंचाई का दौर- निकोलस एक समय में हॉलीवुड के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले एक्टर थे. निकोलस की टोटल प्रॉपर्टी ₹1075 की थी. पूरी दुनिया में उनके 15 मकान थे. इसके अलावा निकोलस के पास कई लग्जरी कारें और बहुत सी एंटीक चीजें भी थी. उनका बुरा दौर 2009 से शुरू हुआ. जब उन्हें मजबूरी वश 100 करोड़ का टैक्स चुकाना पड़ा. टैक्स चुकाने के लिए निकोलस को अपनी कुछ प्रॉपर्टी भी बेचनी पड़ी. गिरावट का कारण- बेतहाशा खर्च और महंगी लाइफस्टाइल निकोलस पर बहुत भारी पड़ी. निकोलस ने इन्वेस्टमेंट के गलत ऑप्शन चुनें. जैसे उन्होंने डायनासोर स्कल, आईलैंड और कासल खरीदे. उनकी गिरावट के पीछे मनी मैनेजर को भी दोष दिया जा सकता है. सबक- अगर आप बहुत ज्यादा कमा रहे हैं तो भी आपको इन्वेस्टमेंट करना चाहिए. जिससे वह पैसा बढ़ता रहे.

माइक टायसन-

इनकम सोर्स- बॉक्सिंग प्राइज मनी, फिल्में, टीवी शो, किताबें- ऊंचाई का दौर- सिर्फ 20 साल की उम्र से ही वर्ल्ड हैवीवेट बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती. इनकी कमाई 4190 करोड़ रुपए पहुंच गई. गिरावट के दौर के बाद माइक टायसन ने टीवी शो फिल्म और किताबों का भी सहारा लिया. आज के समय में माइक टायसन की टोटल प्रॉपर्टी केवल ₹21 करोड़ बची है. गिरावट का दौर- 2003 में माइक टायसन ने कोर्ट में दिवालिया होने की अर्जी दाखिल की. उन पर आईआरएस डिवोर्स लॉयर और पूर्व पत्नी का ₹193 बकाया था. गिरावट की वजह- बहुत महंगी लाइफस्टाइल, उनके पास 110 लग्जरी कार थी.

टाइसन ने टाइगर जैसे जानवर को पाला हुआ था और वह शराब और ड्रग्स भी लेते थे. अदालती मामलों और माइक का कैरियर पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. सबक- नशे से बचे रहें. नशा चाहे शराब का हो या जुए का दौलत को दीमक की तरह खत्म कर देता हैं और आप पूरी तरह से बर्बाद हो जाते हैं.

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