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कौन बनेगा करोड़पति में पूछा गया 25 लाख का सवाल, क्या आप जानते हैं श्री कृष्ण की भाभी कौन थीं?

जैसा कि हम सभी जानते हैं सोनी टीवी पर आने वाला बेहद ही लोकप्रिय कार्यक्रम “कौन बनेगा करोड़पति” इन दिनों टीआरपी की चरम सीमा पर है और हो भी क्यों नहीं आखिर इस शो को होस्ट करने वाले भी तो बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन जी हैं. खैर, यह तो आपको पता ही होगा कि यह एक ऐसा शो है जो यहां आये प्रतियोगी को चंद मिनटों में लखपति और देखते ही देखते करोड़पति बना देता है. हालांकि, इसके लिए आपको अपने ज्ञान का इस्तेमाल करना होता है और तब ही ये संभव होता है. ऐसे में अभी हाल ही में केबीसी में एक सवाल पूछा गया जिसे सही-सही बताने पर प्रतियोगी को 25 लाख की रकम मिलनी थी, मगर अफ़सोस कि उत्तर नहीं पता होने की वजह से प्रतियोगी ने गेम को बीच में ही क्विट कर दिया और मात्र 12 लाख 25 हजार जीतकर ही लौट गईं.

असल में केबीसी में 25 लाख रुपये के लिए अमिताभ बच्चन ने सामने बैठी प्रतियोगी से सवाल ये पूछा कि ‘भगवान श्रीकृष्ण की भाभी का नाम क्या था’, अब यहां पर बात फंस गयी और गेम ही छोड़ना पड़ा. हालांकि, भगवान श्री कृष्ण के बारे में तो बहुत सारी जानकारियां मौजूद हैं, मगर इस सवाल का जवाब देते नहीं बन पाया. संभव है कि शायद आपको भी इसका जवाब नहीं पता होगा. तो चलिए जानते हैं श्री कृष्ण के बारे में कुछ रोचक और अनुसुनी बातें जिससे अभी तक आप भी अनजान हैं.

देवकी के सातवें पुत्र थे कृष्ण के बड़े भाई

सर्वप्रथम तो आपको यह बता दें कि श्रीकृष्ण के बड़े भाई यानी कि बलराम जी का जन्म वासुदेव जी की पहली पत्नी रोहिणी के गर्भ से हुआ था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण के भाई बलराम का जन्म बहुत ही चमत्कारी तरह से हुआ था, जिसे आज के वैज्ञानिक युग में हम सेरोगेसी का एक तरीका मानते हैं. असल में बलराम देवकी के सातवें पुत्र थे. हालांकि, इन्हें योगमाया ने देवकी के गर्भ से निकालकर रोहिणी के गर्भ में स्थापित कर दिया था.

बलराम जी की पत्नी एक दिव्य कन्या थी

श्रीकृष्ण के बड़े भाई थे बलराम जी जिन्हें वो प्यार से दाऊ कह कर पुकारते थे. बता दें कि जिस तरह से बलराम जी का जन्म बहुत ही विशेष तरह से हुआ था, कुछ उसी प्रकार से इनके विवाह की कहानी भी अद्भुत और दिव्य बताई जाती है. असल में इनका विवाह इनकी उम्र से कई लाख वर्ष बड़ी एक दिव्य कन्या से हुआ था. यक़ीनन आपको यह सुनकर काफी अजीब लग रहा होगा, मगर इस बात का उल्लेख श्रीमद्भगवत में भी किया गया है. इनकी पत्नी का नाम रेवती था जिनका जन्म अग्नि से हुआ था.

पुराणों के अनुसार बताया जाता है कि उस दौरान धरती लोक पर रेवत नाम का एक राजा हुआ करता था, जिसने अपनी विशेष रूप से उत्पन्न कन्या को बहुत ही विशेष शिक्षा भी दी थी और तमाम गुणों से परिपूर्ण बनाया. बताया जाता है कि जब रेवती विवाह योग्य हुईं, तो राजा उसके लिए किसी योग्य वर जो कि उसी के सामान हो, की खोज में जुट गए मगर लाख प्रयास के बाद भी उन्हें वैसा वर नहीं मिल पाया तो वह अपनी इस समस्या के साथ-साथ अपनी पुत्री को लेकर ब्रह्मलोक में पहुंच गए. वहां पर ब्रह्माजी ने उन्हें बताया कि आप पुनः धरती पर जाइए जहां पर इस दौरान भगवान विष्णु जो कि एक मानव के रूप में (श्रीकृष्ण के रूप में) मौजूद हैं और उनके अलावा शेषनाग, जिन्होंने बलरामजी के रूप में अवतार लिया हुआ है, उनसे ही अपनी इस दिव्य कन्या का विवाह करवाइए. वही इस कन्या के लिए सर्वश्रेष्ठ वर हैं.

राजा रेवत के प्रस्ताव को सुनकर बलराम जी विवाह के लिए तैयार तो हो गए, मगर अब उनके समक्ष एक नयी समस्या आन पड़ी और वो समस्या थी उम्र और कद काठी की, जो कि बलराम जी से काफी ज्यादा बड़ी थीं. हालांकि, इस पर श्रीकृष्ण ने बताया कि यह समस्या इसलिए है, क्योंकि राजा रेवत के ब्रह्मलोक में जाने और वहां से वापिस आने में सतयुग और त्रेता दो युग बीत गए हैं. इतने समय में मनुष्य के आकार और प्रकृति दोनों में काफी बदलाव आता है. इसी वजह से आपका आकार बड़ा है और हमारा आपसे कम.

मगर इससे राजा रेवत कुछ संतुष्ट नहीं हुए और दुविधा में थे तब बलराम जी ने उनकी समस्या का बहुत ही अनोखा हल निकाला और अपना दिव्य हल उठाया और उसे रेवती के सिर और कंधे पर रख दिया. जैसे ही बलराम ने ऐसा किया उसी क्षण रेवती का आकार घटने लगा और कम होकर बलराम जी के सामान हो गया. इस चमत्कार के बाद रेवत रेवत काफी प्रसन्न हुए और फिर बलराम और रेवती का विवाह संपन्न हुआ. तो इस तरह से भगवान श्रीकृष्ण को रेवती के रूप में अपनी भाभी मिली थी, जिसके बारे में आज भी बहुत से लोग अनजान हैं.

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