हनुमान जी के ये दिव्य मंत्र कर देंगे मुश्किलों को मिनटों में दूर
हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है और इनकी उपासना करने से जीवन के बुरे दौर से आसानी से निकला जा सकता है। इसलिए जब भी आप किसी परेशानी में हों तो आप हनुमान जी की पूजा करें और उनसे जुड़ा चमत्कारी मंत्र पढ़े। हनुमान जी की पूजा करने से और नीचे बताए गए मंत्रों का जाप करने से हनुमान जी की कृपा आप पर बन जाएगी।
मंत्र –
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय
विश्वरूपाय अमित विक्रमाय
प्रकटपराक्रमाय महाबलाय
सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।।
इस तरह से करें मंत्र का जाप
श्री हनुमान का ये मंत्र अचूक माना जाता है और इसे पढ़ने से हर बांधा मिनटों में दूर हो जाती है। हनुमान जी का ये चमत्कारी मंत्र आप मंगलवार के दिन पढ़ें और इस मंत्र को पढ़ते समय नीचे बताई गई बातों का ध्यान जरूर रखें।
- इस मंत्र का जाप करने से पहले आप हनुमान जी के सामने एक दीपक जला दें और एक लाल रंग के आसन पर बैठ जाएं।
- फिर आप हनुमान को सिंदूर, गंध, अक्षत, फूल, नैवेद्य चढ़ाएं और इस मंत्र का जाप करना शुरू कर दें। इस मंत्र का जाप आप कम से कम 21 बार करें।
- मंत्र का जाप पूरा करने के बाद अपने माथे पर सिंदूर लगा लें और हनुमान जी से एक सुखी जीवन की कामना करें। इसके बाद आप श्री हनुमान की आरती करें।
- आप लगातार सात मंगलवार इस मंत्र का जाप करें।
ये मंत्र पढ़ने से मिले वाले लाभ
- हनुमान का ये मंत्र पढ़ने से जीवन में सफलता मिलने लग जाती है और हर पीड़ा दूर हो जाती है।
- इस मंत्र का जाप पूरा करने के बाद आप मन में अपनी इच्छा बोल दें। ऐसा करने से आपकी इच्छा पूरी हो जाएगी।
- अगर आपको बुरे सपने आते हैं तो आप इस मंत्र का कवच धारण कर लें। आपको बुरे सपने आना बंद हो जाएंगे।
- अपने शत्रु पर अगर आप विजय पाना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप जरूर करें।
- इस मंत्र का जाप करने से मन से हर प्रकार का भय खत्म हो जाता है।
- शनि देव की बुरी दिशा चलने पर आप शनिवार के दिन इस मंत्र का जाप करें और मंत्र का जाप करने के बाद शनिदेव और हनुमान के सामने एक सरसों के तेल का दीपक जला दें। ये उपाय करने से शनि देव शांत हो जाएंगे।
हनुमान जी से जुड़े अन्य चमत्कारी मंत्र –
हनुमान जी के इन मंत्रों का जाप आप मंगलवार के दिन 108 बार करें। इन मंत्रों का जाप आप हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठकर करें और उन्हें लड्डियों का भोग लगाएं। जाप पूरा होने के बाद आप लड्डियों को लोगों में बांट दें।
पहला मंत्र- ॐ तेजसे नम:
दूसरा मंत्र- ॐ प्रसन्नात्मने नम:
तीसरा मंत्र- ॐ शूराय नम:
चौथा मंत्र- ॐ शान्ताय नम:
पांचवां मंत्र- ॐ मारुतात्मजाय नमः
छठा मंत्र- ऊं हं हनुमते नम:
सातवां मंत्र- ‘महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।’
आठंवा मंत्र- ‘राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
नौंवा मंत्र- ‘भूत पिशाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।