जब माँ लक्ष्मी ने इंद्र को बाताया ‘लक्ष्मी किन लोगो के घर निवास नहीं करती’, बेहद रोचक प्रसंग
इस वर्ष 27 अक्टूबर को दिवाली का महापर्व मनाया जा रहा हैं. प्राचीन समय में इसी तिथि के दिन समुद्र मंथन हुआ था जिसमे से माँ लक्ष्मी अवतरित हुई थी. ऐसा कहा जाता हैं कि जिस घर में माँ लक्ष्मी का वास होता हैं वहां कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती हैं. ऐसे में हम आपको आज ये बताने जा रहे हैं कि किन लोगो के घर माँ लक्ष्मी निवास करना पसंद नहीं करती हैं. इस बात का जिक्र लक्ष्मीजी ने देवराज इंद्रा से संक्षिप्त महाभारत के शांति पर्व में एक प्रसंग में किया हैं. उन्होंने इसमें बताया हैं कि लक्ष्मी को कैसा घर अच्छा और बुरा लगता हैं.
प्रसंग के मुताबिक पहले माँ लक्ष्मी असुरों के यहाँ रहा करती थी लेकिन फिर देवराज इंद्र के यहाँ निवास हेतु स्वर्ग जाती हैं. माँ लक्ष्मी को देख इंद्रा हैरान रह जाते हैं और पूछते हैं कि आप असुरों के यहाँ बड़े आदर से रह रही थी. मैंने पूर्व में आप से कई बार निवेदन किया कि आ स्वर्ग आ जाए. लेकिन नहीं आई. और अब बिना बुलाए पधारी हैं. कृपया इसकी वजह बताए. तब लक्ष्मी जी बोली हे इंद्र कुछ वक़्त पूर्व तक असुर धर्मात्मा थे लेकिन अब वे बदल गए हैं. अधार्मिक हो गए हैं. इसलिए मैं वहां निवास नहीं कर सकती. जहाँ प्रेम की जगह नफरत, क्रोध, लड़ाई, अधार्मिकता, दुर्गुण और बुरी लत जैसे शराब, तंबाकू और मांसाहार हो वहां मेरा रहना उचित नहीं हैं. यही वजह हैं किदूषित वातावरण को त्याग मैं सद्गुणों वाले स्थान यानी स्वर्ग आ गई. इस बात के प्रति रूचि दिखाते हुए इंद्रा ने पूछा कि वे कौन कौन से स्थान हैं जहाँ रहना आप पसंद नहीं करती हैं. इस पर माँ लक्ष्मी ने ये बातें कही..
– जो लोग गुरु, माता पिता और बड़ों का आदर नहीं करते मैं वहां नहीं रहती. जो संतान अपने ही माता पिता से लड़ाई झगडा या मुंहजोरी करते हैं, उनका अपमान करते हैं मैं उन लोगो के घर निवास नहीं करती हूँ.
– जो महिलाएं पराए पुरुषों पर गलत नज़र रखती हैं, उनके संग सहवास करती हैं, पति सास का आदर नहीं करती मैं उन पर भी अपनी कृपा नहीं बरसाती हूँ.
– जिस जगह पाप होते हैं, अधर्म का साथ दिया जाता हैं और स्वार्थ की अधिकता रहती हैं उनके यहाँ भी मेरा निवास नहीं होता हैं. बल्कि मैं तो वहां बस्ती हूँ जहाँ के लोग पवित्र मन वाले और धार्मिक आचरण के होते हैं. जो सभी का आदर सम्मान करते हैं और किसी को धोखा नहीं देते हैं. दूसरों की मदद, ईमानदारी, दान धर्म इत्यादि गुणों वाले लोगो को ही मेरी कृपा मिलती हैं.
– जिस जगह विद्वान व्यक्ति की इज्जत नहीं होती और मूर्खों की पूजा होती हैं वहां भी माँ लक्ष्मी निवास करने से परहेज करती हैं.
– जिस घर में अन्य व्यर्थ नहीं होता, अन्न को देवी देवताओं की तरह पवित्र माना जाता हैं मैं वहां अपने आप ही निवास करने लगती हूँ.
– माँ लक्ष्मी को शान्ति प्रिय हैं ऐसे में वे लड़ाई झगड़े और शोरगुल वाले परिवार में भीनिवास करना पसंद नहीं करती हैं.
इसलिए यदि आप चाहते हैं कि लक्ष्मी जी आपके घर पधारे तो इन बातों का ख्याल जरूर रखे.