दान देने में मुकेश अंबानी से आगे हैं भारत के अरबपति, तीसरे नंबर पर शामिल है रिलायंस इंडस्ट्री
भारत में दान करना बहुत पुण्य का काम माना जाता है लेकिन बहुत से लोग ऐसा नहीं करते क्योंकि उन्हें ऐसा करने में अपना घाटा लगता है। दान, धर्म और जरूरतमंदों की मदद करना अच्छा काम होता है और ऐसा नहीं है कि हर कोई इन सब बातों को नहीं मनते। कुछ और भी नाम हैं जो सबसे ज्यादा दान कर्म का काम करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि दान देने में मुकेश अंबानी से आगे हैं भारत के अरबपति, मगर ये हैं कौन आपको इनके बारे में जानना चाहिए।
दान देने में मुकेश अंबानी से आगे हैं भारत के अरबपति
एडलगिव हुरुन इंडिया की परोपकारी लोगों की एक लिस्ट निकाली है और इसमें तीन सबसे ज्यादा दान देने वाले भारतीयों के नाम सामने आए हैं। इन सबमें सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर आदमी हैं लेकिन उनसे भी ज्यादा दो बिजनेसमैन दान देने में आगे हैं। चलिए बताते हैं आपको मुकेश अंबानी के अलावा दो और के नाम।
शिव नाडर
एचसीएल कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन शिव नाडर देश के टॉप-10 अमीरों में एक हैं। इनकी कमाई जितनी होती है उसका कुछ हिस्सा ये दान-धर्म में भी लगा देते हैं। दिए गए लिस्ट के अनुसार, 826 करोड़ रुपये का दान उन्होंने और उनके परिवार ने परमार्थ कार्यों में दिए हैं। आपको बता दें साल 2019 में इनकी नेट वॉर्थ 1470 करोड़ रुपये है।
अजीम प्रेमजी
बिजनेस टाइकून अजीम हाशमी प्रेमजी देश के दूसरे ऐसे अरबपति हैं जो दान-धर्म के कामों में सक्रीय रहते हैं। इनकी नेटवॉर्थ 720 करोड़ रुपये है और ये विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा इन्होंने कई दूसरी बड़ी कंपनियों में पैसे भी लगाए हैं। सूची के मुताबिक प्रेमजी ने 453 करोड़ रुपये दान-धर्म में दिये हैं। इसके साथ ही ये देश के दूसरे सबसे बड़े दान देने वाले अरबपति बन गए हैं।
मुकेश अंबानी
भारत के सबसे अमीर अरबपति और रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी भले ही भारत में पहले नंबर पर सबसे अमीर हों लेकिन इन्हें दान करने में इन्हें तीसरे नंबर पर रखा गया है। मुकेश अंबानी की नेट वॉर्थ 5290 करोड़ रुपये है और इन्हें दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में शामिल किया गया है। परमार्थ कार्यों में अगर इनका योगदान बताया जाए तो ये 402 करोड़ रुपये है। एडलगिव फाउंडेशन की मुख्य कार्यकारी विद्या शाह ने बताया कि अभी भी कई ऐसे मुद्दे हैं जिनको लेकर उद्यमियों के मन में परमार्थ कार्यों के लिए ज्यादा देने के लिए एक दुविधा रहती है।
वैसे तो सामाजिक कार्यों में दान का काम हर किसी को करना चाहिए लेकिन बहुत से लोग इसके लिए सामर्थ्य नहीं हो पाते हैं। समाजिक कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये से ज्यादा धन देने वाले भारतीयों की संख्या इस दौरान बढ़कर 72 हुई है जबकि साल 2018 में इसकी संख्या 38 ही थी।