बेटे के निधन से कुछ समय पहले गाते-गाते रोने लगे हो थे जगजीत सिंह, रात को आई वो मनहूस ख़बर
जगजीत सिंह एक ग़ज़ल गायक थे. गजल गायकी कि क्षेत्र में जगजीत सिंह को गजल सम्राट की उपाधि दी गई है. 10 अक्टूबर को जगजीत सिंह की आठवीं पुण्यतिथि मनाई गई. गजल सम्राट जगजीत सिंह कि व्यक्तिगत जिंदगी काफी तकलीफों से भरी हुई थी. सन 1990 में जगजीत सिंह के पुत्र विवेक सिंह की कार एक्सीडेंट से मृत्यु हो गई थी. बेटे की मृत्यु के कुछ समय पहले जगजीत सिंह को पूर्वाभास हो गया था. जगजीत सिंह की जिंदगी पर बनी डॉक्यूमेंट्री कागज की कश्ती में जगजीत सिंह ने अपने दोस्तों से कहा कि “जब बांद्रा में शारजाह के शेख अब्दुल अनाम खातिर के गेट टुगेदर में सभी लोग उनसे “दर्द से मेरा दामन भर आया” ग़ज़ल सुनाने की गुजारिश कर रहे थे. तब उन्होंने यह ग़ज़ल गाने से मना कर दिया था, पर लोगों के अनुरोध पर उन्होंने यह ग़ज़ल गाई. ग़ज़ल गाते गाते जगजीत सिंह भावुक होकर रोने लगे थे.
जगजीत सिंह को रोता हुआ देख वहां पर मौजूद सभी लोग घबरा गए थे. जगजीत सिंह के दोस्त बताते हैं की जगजीत सिंह के रोने की कोई भी वजह नहीं थी, पर उस वक्त जगजीत सिंह का दिल बहुत ही घबरा रहा था और वह बहुत बेचैन थे. उसी रात 2:30 3:00 बजे के करीब उनके बेटे की मौत की खबर आई . जगजीत सिंह की मृत्यु 23 सितंबर 2011 को हुई थी. इनकी मौत ब्रेन हेमरेज की वजह से हुई थी. ब्रेन हेमरेज होने पर इन्हें मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. हॉस्पिटल में इनका ऑपरेशन भी किया गया पर डॉक्टर्स की लाख कोशिशों के बावजूद जगजीत सिंह अपनी इस बीमारी की चपेट से नहीं निकल पाए. ऑपरेशन के बाद जगजीत सिंह को काफी लम्बे समय तक लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर भी रखा गया. पर बाद में उनका निधन हो गया.
जगजीत सिंह को पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था. इनका जन्म राजस्थान के श्रीगंगानगर में 8 फरवरी 1941 को हुआ था. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जगजीत सिंह मुंबई में अपना करियर बनाने आए थे. भले ही आज जगजीत सिंह हम लोगों के बीच मौजूद नहीं है पर उनकी गयी हुई ग़ज़लें हमेशा लोगों के दिल में अमर रहेगी. उनकी गयी हुई ग़ज़ल होठों से छू लो तुम और कागज की कश्ती लोग आज भी गुनगुनाते हैं.