कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए ‘जिहादी आर्मी’ बना रहा है पाकिस्तान!
जम्मू कश्मीर में आतंकी बुरहान के मारे जाने और हाजिफ सईद के नजरबंद होने के बाद भी पाकिस्तान कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने में जुटा हुआ है. पाकिस्तान के मंसूबों में कोई बदलाव नहीं आया है. हमेशा से कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर के गरीब और पिछड़ों इलाकों के छोटे बच्चों को जिहादी बनाने में जुट गया है.
हाफिज सईद के नजरबंद होने और जैश ए मोहम्मद संगठन पर बैन लगने की आशंका के बीच पाकिस्तान कश्मीर घाटी में नया आतंकी संगठन बनाने पर जोर दे रहा है. पाकिस्तान ये नया संगठन इसलिए खड़ा करना चाहता है ताकि उसे हाफिज के संगठन की वजह से अमेरिकी मदद मिलना बंद ना हो जाए. इसलिए अब पाकिस्तान अपने काम के तरीके में बड़ा बदलाव ला रहा है. खबर है कि जैश ए मोहम्मद पर बैन के डर से पाकिस्तान उसके जैसा एक नया संगठन बनाने की तैयारी शुरू कर चुका है.
कश्मीर में भारत के खिलाफ ‘आर्मी’ खड़ी करने का प्लान :
सबसे ज्यादा खतरे की बात यह है कि पाकिस्तान ने कश्मीर में अपनी जड़ें मजबूत करना शुरू कर दिया है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान अब अपने प्लान में पीओके के कम उम्र के बच्चों को निशाना बना रहा है जिसमें ज्यादातर युवा शामिल हैं. जो घाटी के गांवों में रहते हैं और सेना पर पत्थर फेंककर अपना विरोध दर्ज करवाते हैं. पाकिस्तान उन कश्मीरी युवाओं को लेकर भारत के खिलाफ लड़ाई के लिए एक आर्मी तैयार करना चाहता है. पाकिस्तान का यह प्लान अभी शुरुआती स्तर पर है. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान कश्मीरी युवाओं को भटकाकर अपने साथ लाने की फिराक में हैं और इसके लिए हथियार और बाकी सामान के लिए पैसे का इंतजाम कर रहा है.
कश्मीर के पत्थरबाजों के लिए पाक का गाना :
हाल ही में पाकिस्तान ने कश्मीर के पत्थरबाजों के साथ एकजुटता दिखाते हुए एक गाना भी रिलीज किया है जिसमें गाने का टाइटल संगबाज रखा गया है. बता दें कि संगबाज कश्मीर के पत्थरबाजों को कहा जाता है. इस गाने को 5 फरवरी को @officialDGISPR के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया था- कश्मीरियों के लिए हम एकजुट हैं. कश्मीर में हो रहा अत्याचार रुकना चाहिए.
बता दें कि हर साल पाकिस्तान में साल 1990 से 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस के रुप में मनाया जाता है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट से ये बात भी सामने आई है कि हाफिज सईद के नजरबंद होने के बाद पीओके में चलने वाले आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर कोई असर नहीं पड़ा है और वो पहले की ही तरह अभी भी चल रहे हैं।