आखिरकार ISRO ने दुनिया को दिखा दिया क्यों सब को उस पर इतना यकीन है, अगली खुशखबरी कतार में है
भारत का चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा था, तभी इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया। संपर्क टूटने की दूरी अभी तक 2.1 किलोमीटर बताई जा रही थी, लेकिन अब जो तस्वीरें सामने आ रही है, उसमें ये दूरी बहुत ही कम थी, जिसका अफसोस इसरो के वैज्ञानिकों समेत पूरे देश को हमेशा रहेगा। जी हां, सामने आई तस्वीर में साफ तौर से देखा जा सकता है कि लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क 2.1 किलोमीटर पहले नहीं, बल्कि बहुत कम दूरी के ठीक पहले टूटा था, जिसे ग्राफ के ज़रिए आसानी से समझा जा सकता है।
बीते 7 सितंबर को भारत का चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा था, लेकिन अचानक ही संपर्क टूट गया और यह तारीख हमेशा के लिए विज्ञान जगत के इतिहास में दर्ज हो गई। इस तारीख को कोई भी भूला नहीं पाएगा, क्योंकि भारत का चंद्रयान-2 95 फीसदी सफल रहा और बिल्कुल करीब जाकर अपनी मंजिल से चूक गया। इस प्रयास के बाद हर कोई इसरो के वैज्ञानिकों की तारीफ कर रहा है, लेकिन इसी बीच एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें संपर्क टूटने की सही दूरी का ज़िक्र किया गया है।
इसरो के प्रमुख के सिवान ने कहा है- ‘चांद की सतह पर हमें लैंडर विक्रम की लोकेशन मिल गई है और ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल इमेज ली है. लेकिन अभी तक उसके साथ कम्युनिकेशन नहीं हो सका है. हम संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. इससे जल्द ही संपर्क किया जाएगा.
Indian Space Research Organisation (ISRO) Chief, K Sivan to ANI:We’ve found the location of #VikramLander on lunar surface&orbiter has clicked a thermal image of Lander. But there is no communication yet. We are trying to have contact. It will be communicated soon. #Chandrayaan2 pic.twitter.com/1MbIL0VQCo
— ANI (@ANI) September 8, 2019
335 मीटर पर टूटा संपर्क
चंद्रमा की सतह से ठीक 2.1 किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया था और चांद को छूने से चूक गए, लेकिन अब सामने तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं। जी हां, तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है कि लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क सिर्फ 335 मीटर पहले ही टूटा था, जोकि बहुत कम दूरी होती है। इसका मतलब यही हुआ कि हम चंद्रमा की सतह पर पहुंचने से चूक गए और हमारा सपना टूट गया, लेकिन इसरो फिर से चंद्रमा को छूने की कोशिश करेगा और जल्द ही खुशखबरी हम सबको मिलेगी।
ग्राफ से समझें कब टूटा था संपर्क
बताते चलें कि जिस समय विक्रम लैंडिंग कर रहा था, उसकी डिटेल इसरो के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (MOX) की स्क्रीन पर एक ग्राफ के रूप में दिख रहा था। इस ग्राफ में तीन रेखाएं दिखाई गई थीं, जिसमें से बीच वाली लाइन पर ही चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर अपना रास्ता तय कर रहा था और यह लाइन लाल रंग की थी, लेकिन विक्रम लैंडर का रियल टाइम पाथ हरे रंग की लाइन में दिख रहा था। बता दें कि 400 मीटर की ऊंचाई तक आते-आते विक्रम लैंडर की गति लगभग उस स्तर पर पहुंच चुकी थी, जिस गति से उसे सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन आप देख सकते हैं कि ठीक 335 मीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया।
चांद की सतह से टकराया लैंडर विक्रम
335 मीटर पहले संपर्क टूटने के बाद लैंडर विक्रम चांद की सतह से टकराया, लेकिन संपर्क नहीं होने की वजह हम पुख्ता जानकारी नहीं दे सकते हैं। हालांकि, ऑर्बिटर द्वारा भेजी गई तस्वीरों को देखने के बाद यही पता चला कि लैंडर विक्रम सही सलामत है और हमारे वैज्ञानिक संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं। एक बार संपर्क होने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि हम चांद को छू पाये हैं या नहीं, लेकिन यह भी किसी उपलब्धि से कम नहीं है।