मिशन चंद्रयान-2: चांद पर लैंडिंग से 2.1 किलोमीटर पहले ही टूटा संपर्क और फिर जो हुआ….
भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार के तड़के उस समय बड़ा झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले ही इसरो से संपर्क टूट गया, जिसके साथ ही चांद को मुठ्ठी में करने का सपना भी इस बार टूट गया। जी हां, चंद्रयान-2 के असफल होने के बाद इसरो में काफी निराशा देखी गई, लेकिन पीएम मोदी ने न सिर्फ वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया, बल्कि पूरे देशवासियों की उम्मीद को फिर से जगा दिया। इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि आप निराश न हो, पूरे देश को आप पर गर्व है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने संपर्क टूटने का ऐलान करते हुए कहा कि चंद्रयान-2 प्लान के मुताबिक ही चल रहा था, लेकिन अचानक से 2 किलोमीटर पहले ही संपर्क टूट गया, जिससे हमारा ये मिशन असफल हो गया। बता दें कि चंद्रयान-2 के लिए 978 करोड़ रुपये की लागत लगाई गई थी, जिसके भविष्य पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। शनिवार के तड़के चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह की तरफ तेज़ी से बढ़ना शुरु हुआ तो पूरा देश जश्न मनाने लगा, लेकिन आखिरी में जाकर मिशन फेल हो गया और सबका दिल भी टूट गया।
2.1 किलोमीटर पहले ही टूट गया संपर्क
शनिवार तड़के लगभग 1.38 बजे जब 30 किलोमीटर की ऊंचाई से 1,680 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 1,471 किलोग्राम के विक्रम की चंद्रमा की सतह की तरफ बढ़ा, तो सब ठीक था, लेकिन जैसे जैसे ही वह चंद्रमा की सतह के करीब पहुंचने लगा, वैसे ही संपर्क टूट गया, जिसके बाद इसरो समेत पूरे देश की उम्मीदें टूट गई। इसके बाद इसरो के अधिकारी ने कहा कि 2.1 किलोमीटर तक सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन हमारा संपर्क खत्म हो गया और फिर विक्रम के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया।
अभी भी बाकी है आस
978 करोड़ लागत वाले चंद्रयान-2 का अभी सबकुछ खत्म नहीं हुआ, बल्कि इसरो के अधिकारियों द्वारा आकड़ों की समीक्षा की जा रही है, जिसके बाद ही इसके भविष्य की जानकारी दी जाएगी। वैज्ञानिक पूरी तरह से मामले का जायजा ले रहे हैं, क्योंकि अनुमान लगाया जा रहा है कि विक्रम रास्ते से भटक गया है, जिसकी वजह से संपर्क टूट गया, लेकिन अभी भी इससे जुड़े आकड़ों को जुटाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही माना जा रहा है कि लैंडर का नियंत्रण उस समय समाप्त हो गया होगा, जब नीचे उतरते समय उसके थ्रस्टर्स को बंद किया गया होगा।
पीएम मोदी थे मौजूद
चंद्रयान-2 मिशन के समय पीएम मोदी इसरो में मौजूद थे और वे वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ा रहे थे। पीएम मोदी के साथ इसरो के केंद्र में 60-70 स्कूली बच्चे भी थे, जिन्होंने क्विज प्रतियोगिता के जरिए लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखने का मौका हासिल किया। मिशन फेल होने के बाद पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को दिलासा देते हुए कहा कि जब मिशन बड़ा होता है, तो निराशा के पार जाने की हिम्मत रखनी पड़ती है और अभी सिर्फ संपर्क टूटा है, हमारी उम्मीदें बाकी हैं।