राजनैतिक पार्टियों और भगोड़ों पर चाबुक तो 3 लाख से अधिक के नकद लेनदेन पर जवाबदेही!
मोदी सरकार ने आर्थिक सुधारों की तरफ प्रतिबद्धता जताते हुये बजट में राजनैतिक पार्टियों के चंदे से जुड़ा प्रावधान भी किया है. इसके तहत राजनैतिक पार्टियाँ किसी एक स्रोत से केवल 2000 रूपये की सीमा तक ही नकद चंदा ले साकेंगी. इससे अधिक की रकम चंदे के तौर पर लेने के लिये राजनैतिक पार्टियों को चेक, ड्राफ्ट या फिर कोई अन्य डिजिटल माध्यम का प्रयोग करना होगा.
राजनैतिक पार्टियों के लिये भी आयकर रिटर्न भरने का प्रावधान :
इतना ही नहीं नये बजट में राजनैतिक पार्टियों के लिये भी आयकर रिटर्न भरने का प्रावधान किया गया है. साथ ही पार्टी फंड में सहयोग करने के लिये दान करने वाले के पास बॉन्ड खरीदने का विकल्प भी होगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश को आजाद हुये 70 साल हो गये लेकिन अभी भी राजनैतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता नहीं है. अगर पार्टी अपने राजनैतिक फंड में पारदर्शिता रखती है तो उसे आयकर में छूट दी जायेगी.
वित्त मंत्री ने बताया कि इस बजट में अतिरिक्त कदम के तौर पर सरकार ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव लाया है जिससे चुनावी बॉन्ड जारी करने का प्रावधान हो सके. जिसके तहत राजनैतिक पार्टी को दान देने का इच्छुक व्यक्ति चेक के जरिये बॉन्ड खरीदेगा और वह रकम पार्टी के खाते में चली जायेगी. इससे राजनैतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता आएगी और आने वाले समय में काले धन पर रोक लगाई जा सकेगी.
वित्त मंत्री ने घोषणा कि कि सरकार एक ऐसा कानून बनाएगी जिससे देश का पैसा लेकर विदेश भागने वाले भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने में सहायता मिलेगी. आर्थिक सुधारों के मद्देनजर कालेधन पर एसआईटी की सिफरिशों को मानते हुये 3 लाख से अधिक की रकम के नकद लेनदेन पर रोक लगेगी, इन सभी प्रावधानों के लिये संशोधन का प्रस्ताव लाया गया है.