जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण जी को प्रसन्न करने के लिए करें ये सरल उपाय
भाद्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था और इस दिन को हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन लोग भगवान कृष्ण का व्रत रखते हैं और कृष्ण जी के बाल रूप का अभिषेक करते हैं। जन्माष्टमी के दिन अगर सही तरह से और सच्चे मन से कृष्ण जी की पूजा की जाए तो कृष्ण भगवान खुश होकर अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण कर देते हैं। भगवान श्री कृष्ण को खुश करना बेहद ही आसान है और आप नीचे बताए गए उपायों की मदद से आप कान्हा को प्रसन्न कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
जन्माष्टमी के दिन इस तरह से खुश करें कृष्ण जी को
इस तरह से करें स्नान
जन्माष्टमी के दिन आप नहाने वाले पानी के अंदर काले तिल डाल दें और इस पानी से स्नान करें। तिल वाले पानी से नहाने से पापों से मुक्ति मिल जाती हैं। शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी के दिन तिल वाले पानी से नहाना उत्तम होता है। इसलिए आप जन्माष्टमी के दिन इस पानी से स्नान जरूर करें।
करें नए वस्त्र धारण
जन्माष्टमी के दिन नहाने के बाद केवल नए वस्त्र धारण करें। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना उत्तम माना जाता है। पीले रगं के अलावा आप लाल रंग के वस्त्र भी इस दिन धारण कर सकते हैं।
करें कृष्ण जी की पूजा
वस्त्र धारण करने के बाद आप विधि विधान से भगवान कृष्ण की पूजा करें और भगवान कृष्ण का ध्यान करें। शास्त्रों में 16 विधियों के तहत भगवान की पूजा करने को कहा गया है और इन्हीं 16 विधियों के तहत आप कृष्ण जी की अर्चन करें।
करें कृष्ण के नाम का जाप
जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने के साथ-साथ कृष्ण भगवान के नाम का जाप भी करें। भगवान कृष्ण के अलावा आप इस दिन विष्णु भगवान की पूजा भी जरूर करें। क्योंकि कृष्ण जी, विष्णु भगवान का ही अवतार हैं ।
रात में करें कृष्ण जी का जन्म
कृष्ण जी का जन्म रात के 12 बजे हुए था। इसलिए जन्माष्टमी के दिन मंदिरों में रात के 12 बजे कृष्ण जी का जन्म करवाया जाता है और कृष्ण जी के बाल रूप की पूजा की जाती है। आप अपने घर में भी 12 बजे कृष्ण जी का जन्म करवाएं। कृष्ण जी के बाल रूप का जलाभिषेक करें और पंच अमृत से मूर्ति को स्नान करवाएं। ऐसी मान्यता है कि अगर इस दिन कोई दंपत्ति एक साथ मिलकर कृष्ण जी के बाल रूप की पूजा करते हैं तो उस दंपत्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है। इसलिए जिन दंपत्तियों को संतान नहीं है वो दंपत्ति जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल की पूजा जरूर करें। वहीं जन्म के समय शंख, घंटी बजाकर भगवान का जन्मोत्सव मनाएं।
जरूर लगाएं भोग
कृष्ण जी का जलाभिषेक करने के बाद आप मक्खन और खीर का भोग भी जरूर लाएं और अगले दिन सुबह पूजा कर अपना व्रत तोड़ें। आप चाहें तो मंदिर में जाकर दान करने के बाद भी अपना व्रत तोड़ सकते हैं।