जानिये सुषमा स्वराज की जिंदगी से जुड़े 2 हैरान कर देने वाले सच, बहुत ही कम लोगों को है जानकारी
बीते 6 अगस्त को विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की सीनियर लीडर सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया. मंगलवार रात को उन्हें करीब 10 बजकर 15 मिनट पर दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया जहां 70 मिनट तक चलने वाली जिंदगी को बचाने वाली जद्दोजहद के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. बता दें, दिल का दौरा पड़ने की वजह से सुषमा स्वराज का निधन हुआ. सुषमा स्वराज दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं. सुषमा स्वराज जैसी ताकतवर शख्सियत के जाने पर न पूरे देश में बल्कि राजनीतिक से लेकर फिल्मी क्षेत्र में सन्नाटा पसर गया था.
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं
बता दें कि देश की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भाजपा ने 2009 में सांसद की विपक्ष नेता के रूप में चुना था. इसके बाद साल 2014 में वह विदिशा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुनी गयीं और देश की प्रथम महिला विदेश मंत्री बन गयीं. सुषमा स्वराज का नाम आते ही हमारे जहन में एक ताकतवर और सशक्त महिला की छवि आती है. सुषमा स्वराज जब भाषण देती थीं तो लोग उन्हें घंटों सुनते ही रह जाते थे. उन्हें भारतीय राजनीति की एक कुशल राजनेता माना जाता था.
2016 में हुआ था किडनी ट्रांसप्लांट
सुषमा स्वराज के मौत की खबर सुनते ही उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने कहा सुषमा स्वराज का जाना उनके लिए ‘व्यक्तिगत क्षति’ है. बता दें, साल 2016 में सुषमा स्वराज का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था और तभी से उनकी तबियत ऊपर-नीचे रहने लगी थी. आज के इस पोस्ट में हम आपको सुषमा स्वराज की जिंदगी से जुड़े 2 ऐसे सच बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में बेहद ही कम लोगों को जानकारी है.
नाना के घर हुआ लालन-पोषण, पिता ने की थी दूसरी शादी
हरियाणा के पलवल में 14 फ़रवरी 1952 को सुषमा स्वराज का जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम हरदेव शर्मा और माता का नाम लक्ष्मी देवी था. सुषमा स्वराज के माता-पिता मूल रूप से पाकिस्तान के लाहौर स्थित धरमपुरा के रहने वाले थे. सुषमा स्वराज अपने नाना के यहां अंबाला में रहकर पली बढ़ी थीं. सुषमा स्वराज की मां का निधन उस समय हो गया जब उनकी उम्र महज सात या आठ साल थी. मां के गुजरने के बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली. तब उनके नाना उन्हें, उनकी बहन वंदना, शर्मा, भाई गुलशन व अरविंद को अपने साथ अंबाला ले आये. नाना के घर रहकर ही सभी भाई-बहनों ने अपनी पढ़ाई पूरी की.
सुषमा के थे कुल 5 भाई
सुषमा जी के कुल 5 भाई थे, जिनमें दो सगे और तीन सौतेले थे. उनके सौतेले भाई पलवल में गिरिराज शरण भारद्वाज, हनुमत भारद्वाज, हरिओम भारद्वाज अपनी मां माया देवी के साथ रहते थे. सुषमा के छोटे भाई अरविंद थे जिनका किसी बीमारी की वजह से निधन हो गया था. उस दौरान वह केंद्र में विदेश मंत्री थीं. पलवल से नाता होने के कारण सुषमा का अक्सर यहां आना-जाना लगा रहता था. वह अपने सबसे छोटे सौतेले भाई हनुमत भारद्वाज से सबसे ज्यादा प्यार करती थीं और उनके बेहद करीब थीं.
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