NDTV की पत्रकारिता का गिरा स्तर, NDTV की ख़बरों का लाभ उठा पाकिस्तान फैला रहा भारत विरोधी एजेंडा
भारत देश में कई मीडिया चैनल ऐसे हैं जिनकी पत्रकारिता पर हमेशा सवाल उठते आए हैं. इनके ऊपर आरोप लगता रहता हैं कि इनकी सभी ख़बरें या तो एक तरफ़ा होती हैं या फिर इनके पीछे कोई एजेंडा छिपा होता हैं. इसी तरह के आरोप कई बार देश के एनडीटीवी चैनल पर लग चुके हैं. एनडीटीवी अक्सर मोदी विरोधी ख़बरों पर जोर देता आया हैं. इसका ताज़ा उदाहरण हाल ही में उसके द्वारा किए गए एक विवादित ट्वीट से लगाया जा सकता हैं. आलम ये रहा कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़) ने इसे रीट्वीट कर भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ाने का प्रयास किया हैं. एनडीटीवी के एक रिपोर्टिंग विडियो का इस्तेमाल कर पाकिस्तान ‘मोदी से कश्मीर बचाओ’ जैसा स्लोगन ट्विटर पर ट्रेंड करने में कामयाब रहा.
इस घटना के बाद कई भारतियों ने एनडीटीवी के प्रति सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया हैं. दरअसल पाकिस्तान ने एनडीटीवी के जिस विडियो का इस्तेमाल अपना एजेंडा फैलाने के लिए किया वो ‘Reality Check’ नाम के एक शो का हैं. ये शो विवादित पत्रकार श्रीनिवासन जैन होस्ट करते हैं. ये विदेप क्लिप श्रीनगर में रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार का हैं. इसमें उसने दावा किया हैं कि यहाँ के एक बूढ़े व्यक्ति ने कश्मीर से 370 हटाने और जम्मू कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने पर अपनी राय रखने का आग्रह किया हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बूढ़े व्यक्ति का कहना हैं कि “नई दिल्ली की सरकार ये दावा करती हैं कि जम्मू कश्मीर से 370 हटाने से यहाँ के लोग खुश हैं. आप एक बार कर्फ़्यू हटा के तो देखो, आपको पता चल जाएगा कौन कितना खुश हैं.”
For all those in New Delhi living in the delusion that Kashmir is happy over the scrapping of Article 370, union of J&K territory, an old Kashmiri has a msg:
“Lift the curfew for a day and we’ll let them know how happy we [Kashmiris] are”.
Can Modi do that?#SaveKashmirFromModi pic.twitter.com/qJZZpTcmN7— PTI (@PTIofficial) August 8, 2019
अजीब बात ये हैं कि इस विडियो में पत्रकार जिस बूढ़े व्यक्ति की बात कर रहा हैं उसे दिखाया ही नहीं जा रहा हैं. बस पत्रकार का ये दावा हैं कि बूढ़े व्यक्ति ने ये बात कही थी. ऐसे में सवाल अब ये उठ रहे हैं कि क्या एनडीटीवी का ‘Reality Check’ शो के माध्यम से मोदी सरकार के खिलाफ कोई प्रोपगैंडा फैला रहा हैं? हैरत की बात तो ये हैं कि श्रीनिवासन जैन इस शो की स्टार्टिंग काल्पनिक चरित्रों द्वारा कर कश्मीर में कथित रूप से मौजूद भय के वातावरण को दर्शाते हुए की थी. ऐसे में क्या ये शो या एनडीटीवी घाटी में हिंसक गतिविधियों को भड़काने के प्रयास कर रहे हैं? ये सवाल सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने उठाया हैं.
श्रीनिवासन जैन का ये भी कहना हैं कि वे जिस गुमनाम पत्रकार की बात कर रहे हैं उसकी पहचान उजागर नहीं की जा सकती हैं क्योंकि उनका परिवार भी कश्मीर में रहता हैं. ऐसे में उनपर आरोप लगाए जा रहे हैं वे बेनाम लोगो आ सहारा लेकर कश्मीर में माहोल बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं.
ऐसे में एनडीटीवी के लिए ये शर्म की बात भी हैं कि उसके विडियो क्लिप का इस्तेमाल पाकिस्तान भी अपने एजेंडे के लिए कर रहा हैं. अब कई लोग एनडीटीवी की पत्रकारिता के गिरते स्तर पर सवाल उठा रहे हैं. बता दे कि इसके पहले पाकिस्तान के बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक पर भी रविश कुमार ने इंडियन मीडिया से कहा था कि वो इस न्यूज़ का कवरेज नहीं करे क्योंकि इससे मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव में लाभ होगा.
Screenshot from Youtube video posted by The Wire :
Srinagar etc areas are labelled as “Indian occupied part” while much of PoK is labelled as “Azad Kashmir.”
Ab bolenge to bologe ki bolta hai…. pic.twitter.com/AfC24kFrUg
— Abhishek (@AbhishBanerj) August 8, 2019
सिर्फ एनडीटीवी ही नहीं बल्कि द वायर को भी अपना एक विडियो डिलीट करना पड़ गया था. दरअसल उसने इस विडियो में श्रीनगर को भारत का हिस्सा जबकि पीओके के अधिकतर हिस्से को आज़ाद कश्मीर के रूप में दर्शाया था.
Very interesting.
I tweeted last night saying that Wire is showing a map that labels Srinagar etc as “Indian occupied part” and parts of PoK as “Azad Kashmir.”
Now the video has become unavailable.
What happened to it? Any idea @thewire_in ? pic.twitter.com/WyRW57lCHn
— Abhishek (@AbhishBanerj) August 9, 2019
फिर द क्विंट नामक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल की बात करे तो उसने एक लेख में कुलभूषण जाधव को भारतीय जासूस करार करने की कोशिश की थी. नतीजा ये हुआ कि इस आर्टिकल का दिखा पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव पर सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा बनाए रखने की अपील कर डाली. हलानी कोर्ट ने ये अपील ठुकरा दी थी.
ऐसे में अब सवाल यही उठता हैं कि ये लेफ्ट विंग वाले मीडिया चैनल कब तक एक ही तरफ़ा न्यूज़ कवरिंग करते रहेंगे? ये अब एक संतुलित खबर देश की जनता को दिखाएंगे.