माँ-बाप के खिलाफ जाकर सुषमा स्वराज ने की थी शादी, जानिए उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
भाजपा की वरिष्ठ नेता और देश की पूर्व मंत्री सुषमा स्वराज का निधन 7 अगस्त को देर रात 9 बजे दिल का दौरा पड़ने के कारण हो गया। उनके निधन के बाद से ही पूरा देश उनकी आत्मा की शांति की कामना कर रहा है और इसके साथ ही हर कोई दुखी है क्योंकि सुषमा जी ने अपने कार्यकाल में जितने भी काम किए वो सराहनीय रहा है। माँ-बाप के खिलाफ जाकर सुषमा स्वराज ने की थी शादी, फिर भी सबसे अच्छी बेटी, बहू, पत्नी, मां और एक राजनीतिज्ञ रही हैं सुषमा स्वराज।
माँ-बाप के खिलाफ जाकर सुषमा स्वराज ने की थी शादी
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर हर कोई स्तब्ध है और हर कोई बस यही कह रहा है कि देश ने एक महान नेता खो दिया।14 फरवरी, 1952 को हरियाणा के अंबाला में जन्मी सुषमा स्वराज ने भारतीय राजनीति में ऐसे आयाम स्थापित किया जिनका हर कोई मुरीद हो गया। सुषमा स्वराज ने बेहद शानदार छात्रा, फिर वकील और बाद में राजनीतिज्ञ बनकर एक अलग ही मुकाम हासिल किया। वे बेहद शानदार, बेबाक और जबरदस्त व्यक्तित्व की मंत्री होने के साथ ही बहुत ही संजीदा इंसान भी थीं। सुषमा स्वराज की पढ़ाई चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी से हुई और यहीं पर उनकी मुलाकात देश के सबसे युवा एडवोकेट जनरल कौशल स्वराज के साथ हुई थी। सुषमा जी को पहली ही नजर में वे पसंद आ गए थे और उन्होंने शादी का फैसला लिया था।
सुषमा स्वराज ने उस जमाने में अपने घरवाले के खिलाफ जाकर शादी की थी। सुषमा स्वराज के माता-पिता राजी नहीं थे। 13 जुलाई, 1975 को इनकी शादी हुई और बाद में पति स्वराज कौशल सुप्रीम कोर्ट के पहचाने हुए वकील हैं। वे 34 साल की उम्र में देश के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बना दिया था। स्वराज कौशल 37 साल की उम्र में मिजोरम के गर्वनर बन गए थे। सुषमा जी और कौशल की प्रेम कहानी पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के लॉ डिपार्टमेंट से शुरु हुई। वहां दोनों पहली बार मिले थे और फिर दोनों में प्यार हो गया था। सुषमा और स्वराज को शादी के लिए खूब पापड़ बेलने पड़े थे क्योंकि घरवाले राजी नहीं थे। वो दौर बहुत इन सभी चीजों को समझने का नहीं था लेकिन सुषमा जी ने हिम्मत दिखाकर परिवार वालों को मनाकर शादी कर ली थी।
राजनीति सफर कुछ ऐसा रहा
सुषमा स्वराज ने 7 अगस्त की रात 9 बजे आखिरी सांस ली, एम्स में उनका निधन हर किसी को झकझोर देने वाला था। उनकी एक बेटी है जो वकील है और वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं। उनके पति कौशल साल 1998 से 2004 तक हरियाणा से राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं। सुषमा जी एमरजेंसी के समय सुर्खियों में आईं और उन्होंने इसे रोकने के लिए कई प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इसके बाद उन्होंने जनसंघ को ज्वाइन किया जो बाद में भाजपा बन गई। सुषमा जी ने कई साल इस पार्टी में बिताते हुए 4 बार सूचना प्रसारण मंत्री बनी। इसके अलावा मोदी सरकार में वे विदेश मंत्री बनी रही और वे देश की पहली महिला विदेश मंत्री बनी। लोकसभा 2019 में भी मोदी जी उन्हें विदेश मंत्री बनाना चाहते थे लेकिन उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया था क्योकि उन्हें अपना स्वास्थ सही नहीं लगता था।