रात में नाखून काटना क्यों मना हैं, कैसे शुरू हुआ ये नियम, असलियत जान हैरान रह जाओगे
भारत एक ऐसा देश हैं जो अपनी संस्कृति, परंपरा और रीती रिवाजों के लिए जाना जाता हैं. हम कई तरह के रीती रिवाज और नियमों का पालन आज भी करते हैं. इन नियमों को हमने अपने बड़े बुजुर्गों के मुंह से सूना होता हैं. उन्हें इसका पता उनके भी पूर्वजों से लगा था. हालाँकि कई बार बिना उस नियम की गहराई या असलियत को जाने हम उनका पालन करते रहते हैं. आपको ये बात समझना होगा कि पुराने समय और आज के समय में जमीन आसमान का अंतर आ गया हैं. पुराने जमाने में लोग परिस्थितियों के हिसाब से नियम बना देते थे. हालाँकि आज की परिस्थितियां बदल जाने के बाद वो नियम वर्तमान में भी लागू हो ये जरूरी नहीं होता हैं.
इस बात को हम एक बहुत ही अच्छे उदाहरण के द्वारा समझ सकते हैं. आप सभी अपने हाथ और पैर के नाखून जरूर काटते होंगे. नाखून ज्यादा बड़े हो जाए तो इनमे गंदगी जमा होने लगती हैं जो हमारे हाथ से भोजन करने के दौरान पेट में जाती हैं और कई बिमारियों को भी न्योता देती हैं. इसलिए नाखूनों को नियमति रूप से काटते रहना सही होता हैं. हालाँकि आप में से कई लोग रात में नाखून नहीं काटते होंगे. इसकी एक वजह ये हैं कि आप ने कई लोगो के मुंह से सूना होगा कि रात में नाखून नहीं काटना चाहिए. लेकिन जब ऐसा करने के पीछे की असली वजह पूछी जाती हैं तो कई लोगो को इसका कारण पता नहीं होता हैं. वैसे कुछ लोग ये भी कह देते हैं कि रात में नाखून काटना अपशगुन होता हैं. लेकिन आज हम आपको इस नियम के बनने की असली वजह बताने जा रहे हैं.
ऐसे बना रात में नाखून ना काटने का नियम
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया, हर नियम या परंपरा को शुरू करने के पीछे एक वजह या कहे लॉजिक होता हैं. पुराने समय में बिजली नहीं हुआ करती थी. ऐसे में लोग दिन की रौशनी पर ही निर्भर रहते थे. यही वजह थी कि वे सभी को रात में नाखून ना काटने की सलाह देते थे. एक और वजह ये भी हैं कि उस जमाने में नेल कटर भी नहीं हुआ करता था. ऐसे में वे लोग ब्लेड या कैची से ही नाखून काटते थे. इसमें उँगलियों के कटने का खतरा भी अधिक होता था. इसलिए दिन की रौशनी में ही नाखून काटना सेफ हुआ करता था. रात में नाखून काटते समय चोट लगने का खतरा होता था. बस यही वजह थी कि पुराने लोगो ने रात में नाखून ना काटने का नियम बना दिया.
अब जैसे जैसे समय बीतता चला गया ये नियम एक जनरेशन से दूसरी जनरेशन में जाता गया. फिर बाद में बिजली आ गई, नेल कटर भी आ गया, लेकिन ये नियम लोगो की जुबान पर वैसे ही रटा रहा. इसलिए कई लोग आज भी इस नियम को मानते हैं लेकिन उन्हें इसके पीछे की असलियत पता नहीं होती हैं.
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