खंडित शिवलिंग की पूजा करना भी होता है शुभ, पढ़ें शिवलिंग से जुड़ी जानकारी
सावन का महीना बेहद ही खास होता है और इस महीने के दौरान की गई पूजा का फल जरूर मिलता है। सावन का महीना भगवान शिव से जुड़ा हुआ है और इस महीने के दौरान शिव भगवान की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में ही शिव भगवान और पार्वती मां का विवाह हुआ था। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने के दौरान व्रत रखने से और शिव भगवान पर जल अर्पित करने से हर इच्छा पूरी हो जाती है। इस साल ये महीना 17 जुलाई से शुरु हुआ है और ये महीना 15 अगस्त तक चलेगा और आप इस दौरान भगवान शिव की पूजा जरूर करें।
इस तरह से करें भगवान शिव की पूजा
कई लोग मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं जबकि कई लोग घर में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। अगर आप भी अपने घर में शिवलिंग रखना चाहते हैं तो ये महीना घर में शिवलिंग स्थापित करने के लिए सबसे उत्तम है। घर में शिवलिंग रखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए उससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है।
ना रखें ज्यादा बड़ा शिवलिंग
मंदिर में आप लोगों ने आमतौर पर बड़ा शिवलिंग ही देखा होगा। लेकिन जब आप अपने पूजा घर में शिवलिंग की स्थापना करें तो इस बात का ध्यान रखें की शिवलिंग का आकार ज्यादा बड़ा ना हो। पुराण के अनुसार घर में केवल छोटा ही शिवलिंग रखना चाहिए।
रोज करें पूजा
घर में एक बार शिवलिंग स्थापित करने के बाद आप उसकी पूजा रोज करें और रोज सुबह शिवलिंग पर पानी जरुर चढ़ाएं। इसके अलावा शाम के समय शिवलिंग के सामने एक घी का दीपक भी जरूर जलाएं और आरती करें।
शिवलिंग नहीं होता खंडित
देवी-देवताओं की मूर्ति अगर टूट जाए या उनपर दरार आ जाए तो उन्हें खंडित माना जाता है। लेकिन शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग को कभी भी खंडित नहीं माना जाता है और अगर शिवलिंग टूट भी जाए तो भी उसकी पूजा की जा सकती है। इसलिए अगर आपके घर में रखा शिवलिंग अगर खंडित हो जाए तो आप उस शिवलिंग की पूजा बिना किसी डर के कर सकते हैं।
केवल ईशान कोने में रखें शिवलिंग
आप शिवलिंग को केवल घर के ईशान कोने में ही रखें। क्योंकि ईशान कोना ही सबसे शुभ कोना होता है और इस कोने को सबसे पवित्र कोना माना जाता है। इसके अलावा आप जिस जगह पर शिवलिंग रखें इस बात का ध्यान भी जरूर रखें की उस जगह पर तुलसी का पौधा ना हो। क्योंकि तुलसी के पौधे और शिवलिंग को कभी भी एक साथ नहीं रखा जाता है। शिवलिंग की पूजा करते समय अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर ही रखें।
साथ में रखें इन भगवान की मूर्ति भी
शिवलिंग रखने के साथ साथ आप चाहें तो गणेशजी, माता पार्वती, नंदी की भी मूर्तियां भी रख सकते हैं। और जब भी शिव की पूजा शुरू करें तो पूजा की शुरुआत में गणेश का नाम लें और इनका पूजन करने के बाद ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।