रात में GF से मिलने गया था प्रेमी, गाँववालो ने दी ऐसी सजा कि बेटे के साथ पिता भी लपेटे में आ गए
प्रेमिका के चक्कर में प्रेमी को पिटते हुए तो आप लोगो ने कई बार देखा होगा. परंतु क्या कभी ऐसा सूना हैं कि गर्लफ्रेंड से चक्कर बेटा चला रहा हैं लेकिन सजा के तौर पर बाप को भी पिटा जा रहा हैं. यक़ीनन ये बात सही नहीं हैं कि बेटे के कर्मो का फल बाप को दिया जाए लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में ऐसा ही कुछ हुआ हैं. यहां गाँव वालो ने अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने वाले युवक के साथ साथ उसके पिता की भी धुनाई कर दी. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर ये पूरा माजरा क्या हैं.
दरअसल इन दिनों इंटरनेट पर एक विडियो बड़ा ही तेजी से वायरल हो रहा हैं. इस विडियो में गाँव के कुछ लोग पिता और पुत्र को रस्सी से बांधकर डंडे से पिटते और उठक बैठक लगवाते नजर आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक ये विडियो यूपी के प्रयागराज के मेजा थाना क्षेत्र के औता गांव का हैं. बात 17 जुलाई रात की हैं. यहां पवन नाम का एक लड़का अपने दोस्त विनय संग गाँव में अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया था. हालाँकि गाँव वालो ने पवन को धर दबोचा और बंधक बनाकर पिटाई से खातिरदारी करने लगे. पवन का दोस्त विनय किसी तरह वहां से भाग निकला और उसने सारी बात जाकर पवन के पिता को बतलाई.
बेटे की फिक्र में पिता तुरंत उसी गाँव गया ताकि ग्रामीणों के चंगुल से उए छुड़वा के ला सके. हालाँकि जब वो यहां आया तो गाँव के लोगो ने उसे भी बंधक बना लिया. ग्रामीणों ने बाप बेटे को रस्सी से बाँध दिया और लाठी से उनकी पिटाई करने लगे. इसके बाद उन दोनों से उठक बैठक भी लगवाई. वो तो गरिमत रही कि इस बात की सूचना किसी ने पुलिस को दे दी. ऐसे में पुलिस मौके पर आई और बाप बेटे को छुड़वा के अपने साथ थाने ले गई. आई. एसपी यमुनापार दिपेन्द्र नाथ चौधरी के अनुसार पुलिस इस मामले की जांच कर रही हैं. विडियो में बंधक बनाने वाले युवको को मार्क कर दिया गया हैं. जल्द ही इनके ऊपर उचित कारवाई की जाएगी.
उधर सोशल मीडिया पर जब ये पूरा वाक्या सामने आया तो लोगो का गुस्सा फूट पड़ा. लोग इस बारे में तरह तरह के कमेंट्स करने लगे. किसी ने कहा कि “बेटे के काम की सजा बाप को नहीं मिलनी चाहिए थी. गाँव वालो ने ये गलत किया.” फिर कोई कहने लगा “युवक और युवती दोनों ही यदि बालिग़ हैं तो गाँव वालो को उन्हें मारने का या रोकने का कोई हक़ नहीं बनता हैं. ये लोग अपनी मर्जी से मिलने के लोए स्वतंत्र हैं.” फिर एक व्यक्ति कहता हैं “गाँव वालो को इस तरह उन्हें बंधक बनाकर और मारपिट कर कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए था. वे चाहते तो लड़के को डांट कर या समझा कर वापस भेज सकते थे.”
वैसे आपका इस पुरे मामले पर क्या कहना हैं? क्या गाँव वालो ने युवक और उसके पिता को बंधक बनाकर सही किया? या फिर उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था? अपने जवाब हमें कमेंट में जरूर दे.