करण की ‘कलंक’ को वरुण ने बताया सबसे बड़ी गलती, कहा- ‘फिल्म ही घटिया थी तो लोग…’
बॉलीवुड के सुपरहिट डायरेक्टर करण जौहर की फिल्म कलंक से दर्शकों को काफी ज्यादा उम्मीद थी, लेकिन हुआ कुछ उल्टा ही। जी हां, फिल्म कलंक बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिट गई, जिसकी वजह से इसमें काम करने वाले सितारों को निराशा ही हाथ लगी। इतना ही नहीं, फिल्म में लीड रोल में रहे वरुण धवन ने अब जाकर इसको लेकर अपना दर्द बयां किया, जिससे उनके फैंस काफी हैरान हैं। दरअसल, फिल्म कलंक करण जौहर की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक हो सकती थी, लेकिन कहानी ने दर्शकों को पूरी तरह से बोर कर दिया। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
फिल्म में लीड किरदार निभाने वाले वरुण धवन ने कलंक के फ्लॉप होने की जिम्मेदारी लेते हुए बड़ा बयान दे दिया। इतना ही नहीं, इस दौरान वरुण धवन ने कलंक को लेकर अपना दर्द भी बयां किया, क्योंकि इस फिल्म से उन्हें काफी ज्यादा उम्मीद थी। इस फिल्म में कई बड़े सितारों ने एक साथ मिलकर काम किया, लेकिन फिर भी पर्दे पर जादू नहीं चल पाया। फिल्म कलंक के फ्लॉप होने का सदमा न तो करण जौहर भूला पा रहे हैं और न ही फिल्म में कार्यरत रहे कलाकार।
वरुण धवन ने कलंक को लेकर कही ये बड़ी बात
फिल्म कलंक को लेकर वरुण धवन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह फिल्म दर्शकों को पसंद नहीं आई, क्योंकि घटिया थी। फिल्म एक टीम वर्क होता है, जिसके फ्लॉप की जिम्मेदारी सभी की होती है। इसीलिए फिल्म कलंक के फ्लॉप होने की जिम्मेदारी मेरी भी है। बता दें कि वरुण धवन पहले भी कलंक को अपनी बड़ी भूल बता चुके हैं, लेकिन इससे निराश नहीं हुए। साथ ही वरुण धवन ने आगे कहा कि असफलता ही सफलता की पूंजी है, इसीलिए मैं अगली फिल्म पर फोकस कर रहा हूं।
वरुण की सबसे फ्लॉप फिल्म है कलंक
वरुण धवन ने अपने करियक की शुरुआत करण जौहर की सुपरहिट फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर से की थी, जोकि दर्शकों को खूब पसंद आई थी। इस फिल्म के बाद वरुण धवन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक हिट फिल्में देते गए, जिसके बाद इन्हें बॉलीवुड का जूनियर गोविंदा भी कहा जाने लगा। हालांकि, लगातार हिट फिल्मों की वजह से वरुण धवन ने फ्लॉप फिल्मों का स्वाद नहीं चखा था, लेकिन कलंक ने उन्हें असफलताओं का भी स्वाद चखा दिया, जिससे वे शुरुआत में काफी निराश हुए थे।
मल्टी स्टारर वाली फिल्में हो रही हैं फ्लॉप
इन दिनों ज्यादातर डायरेक्टर मल्टीस्टारर वाली फिल्में बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें से बहुत ही कम सफल हो पाते हैं। दरअसल, एक ही फिल्म में ढेर सारे स्टार होने की वजह से काफी कन्फ्यूजन होता है। मल्टीस्टारर फिल्में वही सफल हो पाती हैं, जिसमें कहानी में दम हो, वरना तो फिर कलंक या फिर टोटल धमाल की तरह फिल्में फ्लॉप होती रहेंगी। इतना ही नहीं, अब दर्शक एक साथ ही स्क्रीन पर कलाकारों की फौज देखना भी पसंद नहीं करते हैं।