‘हैप्पी फादर्स डे, आई लव यू पापा’ कहते हुए 12 साल की बेटी ने किया पिता का अंतिम संस्कार
गौरतलब हैं कि रविवार 16 जून को पूरी दुनियां में लोगो ने फादर्स डे मनाया. इस दिन सैकड़ों बच्चे अपने पापा के पैर छू कर, उनके गले मिल कर या छुट्टियाँ मनाते हुए फादर्स डे एन्जॉय कर रहे थे. लेकिन इस बीच मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में एक 12 साल की बच्ची को फादर्स डे के दिन ही अपने पिता का अंतिम संस्कार करते हुए मुखाग्नि देनी पड़ी. यक़ीनन ये काफी दुखद घटना हैं. खासकर जब फादर्स डे के दिन ही आप अपने पापा को हमेशा के लिए छोड़ दे. बेटियां तो हमेशा से ही अपने पापा की परी होती हैं, उनके ज्यादा करीब होती हैं. फिर जब इस तरह कि घटना होती हैं तो किसी का भी दिल टूट जाएगा और वो डिप्रेशन में चला जाएगा. हालाँकि इंदौर निवासी 12 वर्षीय ख़ुशी वाटवानी को पिता के जाते ही मैच्योर होना पड़ा. उसकी आँखें नम जरूर थी और दिल भी पूरी तरह से टूट गया था लेकिन इसके बावजूद उसके दिमाग में एक ऐसा ख्याल आया जिसकी सभी लोगो ने बहुत तारीफ़ की.
अंतिम संस्कार के पहले किया पिता का अंगदान
दरअसल ख़ुशी ने अपने पिता जय वाटवानी (38) की मृत्यु के बाद उनका अंगदान करने का विचार बना लिया. इसके लिए उसने पुरे परिवार के सदस्यों से पहले सहमती भी ली. फिर अंतिम संस्कार के पहले अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई. इसके लिए मुस्कार ग्रुप के सेवादार मौके पर आए. हालाँकि कुछ मेडिकल कारणों की वजह से अंगदान के लिए उनकी आँखें ही ली जा सकी.
बेटी ने दी मुखाग्नि
जानकारी के मुताबिक 38 वर्षीय जय वाटवानी को बीते शनिवार रात दिल का दौरा पड़ा था. इस वजह से उनका निधन हो गया. निधन के बाद 12 साल की ख़ुशी ने ही आगे रहकर सारी रस्मे निभाई और साथ ही पिता के शव को मुखाग्नि भी दी. दरअसल ख़ुशी अपने पापा की एक लोती संतान थी. ऐसे में उसने ही बेटे का फर्ज निभाते हुए अंतिम संस्कार के सभी रस्मों को निभाया. इसमें शव को मुखाग्नि देने का काम भी शामिल था जो अक्सर एक बेटे के द्वारा किया जाता हैं. अंतिम संस्कार का ये कार्यक्रम इंदौर के रीजनल पार्क मुक्ति धाम में किया गया था.
हैप्पी फादर्स डे, आई लव यू पापा
जैसा कि हम सभी जानते हैं 16 जून को फादर्स डे भी था. ऐसे में ख़ुशी ने अपने पिता को नम आँखों से अंतिम बार फादर्स डे की बधाई भी दी. ख़ुशी ने वहां मौजूद सब लोगो के सामने ही पिता से कहा “हैप्पी फादर्स डे… आई लव यू पापा.” ख़ुशी के ये शब्द सुन वहां मौजूद सभी लोगो की आँखें नम हो गई. किसी को समझ नहीं आया कि इस मौके पर वो क्या कहे या क्या करे. ख़ुशी के लिए ये दिन कितना भावुक और दुखी रहा होगा इसका अंदाज़ा लगाना भी मुश्किल हैं. हम तो इश्वर से बस यही प्रार्थना कर सकते हैं कि वे ख़ुशी के पिता की आत्मा को शांति दे. साथ ही ख़ुशी का आने वाला जीवन सुखमय बीते.
अपनी बेटी को इन मुश्किल हालात में भी साहस से काम लेता हुआ देख उनके पिता स्वर्ग से देखते हुए जरूर गर्वान्वित महसूस कर रहे होंगे. गॉड ब्लेस यू ख़ुशी.