मां दूसरों के घरों में करती थी काम, आज बेटा बन गया है IPS अधिकारी, पढ़ें- साफिन की कहानी
जो इंसान अपने जीवन में आई मुसीबतों का सामना बिना किसी डर से किया करता है, उसे अपनी जिंदगी में कामयाबी जरूर मिलती है और ये बात सच कर दिखाई है साफिन हसन नामक युवक ने। साफिन हसन एक बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन इनके सपने काफी बड़े थे। इन्होंने लाख मुश्किलों के बाद भी अपना सपना सच कर दिखाया और आज ये हमारे देश के सबसे युवा आईपीएस बन गए हैं।
जीवन में थी कई सारी मुसीबतें
गुजरात राज्य के निवासी साफिन हसन का जीवन केवल मुसीबतों से ही भरा हुआ था। साफिन के अनुसार इनके माता पिता एक डॉयमंड कंपनी में काम करते थे लेकिन डॉयमंड इंडस्ट्रीज में मंदी आने के कारण इनके माता-पिता को नौकरी छोड़नी पड़ीं। नौकरी छोड़ने के बाद इनकी मां ने लोगों के घरों में रोटी बनाने का काम शुरू कर दिया। जबकि इनके पिता इलैक्ट्रिशियन के तौर पर काम करने लगे और साथ में सर्दी के मौसम में चाय और अंडे का ठेला लगाने लगे। साफिन के माता-पिता की इतनी आमदनी नहीं हुआ करती थी कि वो साफिन की पढ़ाई का खर्च उठा सकें। लेकिन इसके बावजूद भी साफिन के माता पिता ने अपने बेटे की पढ़ाई में कोई भी कमी नहीं आने दी और कभी भी अपने बेटे को पढ़ने से नहीं रोका।
खुद से बनाया अपना घर
साफिन के मुताबिक इन्होंने अपनी मां के साथ मिलकर खुद अपना घर बनाया था क्योंकि इनके पास मजदूरों को देने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे। मां दिन में लोगों के यहां पर काम करती थी और शाम में अपना घर बनाती थी। साफिन के अनुसार इनके घर वालों के ऊपर काफी कर्ज भी था।
केवल पढ़ाई पर दिया ध्यान
साफिन पढ़ने में काफी तेज हुआ करते थे और ये अपने स्कूल के सबसे होशियार बच्चे थे। लेकिन इनके घर वालों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो साफिन को आगे पढ़ा सकें। साफिन के मुताबिक इनके गांव में एक प्राइवेट इंटर कॉलेज खुला था और इन्होंनेे वहां पर दाखिला ले लिया और इस कॉलेज में इनको कम फीस पर दाखिला मिल गया। जिसकी वजह से ये अपनी पढ़ाई को जारी रख पाए।
एनआईटी से की है पढ़ाई
साफिन की मेहनत की वजह से इनका दाखिला नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (एनआईटी) में भी हो गया और इनके रिश्तेदारों ने इनकी पढ़ाई का खर्च उठाया। अपनी पढ़ाई के साथ ही ये यूपीएससी की तैयारी भी करने में लग गए।
पेपर से पहले हुआ एक्सीडेंट
साफिन जब अपना यूपीएससी का पहला पेपर देने जा रहे थे तभी ये एक हादसे का शिकार हो गए और इन्हें काफी चोट आई। लेकिन इन्होंने अस्पताल जाने की जगह अपना पेपर दिया। पेपर देने के बाद ये अस्पताल में भर्ती हुए जहां पर इनका कई दिनों तक इलाज चला। साफिन के अनुसार ये एक महीने तक अस्पताल में रहे और अस्पताल से छुट्टी होने के एक हफ्ते बाद ही इनका इंटरव्यू था। इन्होंने अपनी तबीयत को नरजअंदाज कर अपना सारा ध्यान अपने इंटरव्यू की तैयार पर लगाया और इंटरव्यू को बेहद ही आसानी से पास कर ली। साफिन को यूपीएससी के रिजल्ट में 175वीं पोजिशन मिली, जिसके साथ ही ये आईपीएस अधिकार बन गए। साफिन के अनुसार जिंदगी में मुसीबतें उसी के कंधे पर आती हैं, जो उनको उठाने के लायक होता है। साफिन की ये कहानी उन लाखों लोगों के लिए एक मिसाल है, जो अपने सपने सच करने में लगे हुए हैं।