Periods: लड़कों को भी पता होनी चाहिए महिलाओं की माहवारी से जुड़ी ये ख़ास बातें, एक बार जरूर पढ़ें
महिलाओं के पीरियड्स को लेकर आये दिन आर्टिकल्स निकलते रहते हैं. इसे लेकर लड़कों के मन में भी कई सवाल होते हैं. जब बात-बात पर प्यार जताने वाली गर्लफ्रेंड अचानक गुस्सा हो जाए तब लड़के समझ नहीं पाते कि यह किस वजह से हो रहा है. वैसे तो इस बारे में पहले भी काफी कुछ लिखा जा चुका है लेकिन आज भी ये लड़कों के लिए किसी पहेली से कम नहीं है. पीरियड्स के दौरान लड़कियों में मूड स्विंग और क्रैम्पस जैसी समस्या होती है. आज के इस पोस्ट में हम आपको बतायेंगे कि पीरियड्स में होने वाले दर्द और मूड स्विंग्स से कैसे निपटना चाहिए. आज हम आपको इससे निपटने के कुछ तरीके बताएंगे जो आपकी दुविधाओं को दूर कर देगा.
अलग-अलग कारणों से भी होता है रक्त स्त्राव
हर लड़की का पीरियड साइकिल अलग-अलग होता है. किसी को 28 दिन में ही पीरियड्स हो जाते हैं तो किसी को 30 या फिर उससे भी अधिक दिन लगते हैं. पीरियड्स में होने क्रैम्पस भी महिलाओं की शरीर की बनावट के हिसाब से कम या ज्यादा मात्रा में होते हैं. पीरियड्स के दौरान किसी को असहनीय दर्द होता है तो किसी को दर्द न के बराबर होता है. पीरियड्स के दौरान किसी-किसी महिला को उल्टी से लेकर कमर दर्द की भी शिकायत होती है. लेकिन हर बार रक्त स्त्राव होने को लोग पीरियड से जोड़ देते हैं जो कि बिलकुल गलत है. हर बार रक्त स्त्राव का मतलब पीरियड्स नहीं होता. कई बार अलग-अलग कारणों से भी रक्त स्त्राव होने लगता है. यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का भी लक्षण हो सकता है या फिर कम उम्र में प्रेगनेंसी होने पर भी रक्त स्त्राव होता है. इन हालातों में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.
गर्भवती होने पर होते हैं पीरियड्स मिस
ये भी जरूरी नहीं कि हर महीने नियमित समय पर ही पीरियड्स हो. पीरियड्स सही समय पर न आना कई लड़कियों में एक आम समस्या है. लेकिन कई महिलाएं इस वजह से बहुत ज्यादा परेशान हो जाती हैं. ध्यान रखिये यह ज़रूरी नहीं कि पीरियड्स हमेशा समय पर ही आये. कई बार पीरियड्स 1-2 दिन आगे पीछे भी हो जाते हैं जो कि बिल्कुल नार्मल है. समय और नियमित रूप से माहवारी का आना महिला की स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. पर कुछ महिलाओं को मासिक धर्म की अनियमितता यानी इर्रेगुलर पीरियड्स से भी गुज़रना पड़ता है. कुछ लड़कियां तो प्रेग्नेंट होने पर भी पीरियड्स मिस कर देती हैं. कहते हैं कि जिन महिलाओं की पीरियड साइकिल की अवधि 35-36 दिन हो उन्हें हर महीने पीरियड्स नहीं होते हैं. साइकिल जितनी लंबी होती है उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा होती है.
जवान होती बेटी को ऐसे समझाएं पहले पीरियड्स के बारे में
हर लड़की की शारीरिक संरचना के हिसाब से खून के थक्के किसी को ज्यादा तो किसी को कम बनते हैं. अगर आपके शरीर में कम रक्त स्त्राव हो रहा है तो टेंशन लेने की कोई बात नहीं है. पीरियड साइकिल के दौरन कुछ दिन ऐसे आते हैं जब आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. लेकिन साइकिल के दौरान ऐसा कोई समय नहीं आता जब आपकी प्रेगनेंसी होने की संभावना जीरो हो.
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