इन वजहों से पूजा करते समय दी जाती है सिर ढकने की सलाह, पुराणों में बताया गया है सिर ढकने का कारण
भगवान की पूजा करते समय सिर को जरूर ढका जाता है और सिर ढकने के बाद ही भगवान का नाम लिया जाता है। इसी तरह से मंदिर में भी महिलाओं और पुरुषों के सिर पर कपड़ा जरूर होता है। दरअसल हमारे पुराणों में सिर को ढकने के पीछे कई सारे कारण बताए गए हैं, जो कि इस प्रकार हैं।
तो इस वजह से पूजा करते समय ढका जाता है सिर-
भगवान का आदर करने के लिए
पुराणों के अनुसार महिलाओं को हमेशा बड़े लोगों के सामने अपना सिर ढककर रखना चाहिए। क्योंकि सिर को ढकने का मतलब होता है कि आप अपने से बड़े लोगों के प्रति अपना आदर प्रकट करते हैं। इसी तरह से जब आप मंदिर जाते हैं और अपने सिर को ढकते हैं तो आप भगवान के प्रति आदर प्रकट करते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है
सिर ढककर पूजा करने से इंसान पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ता है और ये ऊर्जा सिर के जरिए शरीर में प्रवेश नहीं कर पाती है। इसलिए आप जब भी पूजा करें तो अपने सिर को ढक लें ताकि आपके अंदर सकारात्मकता ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से आप दूर रहें ।
मन एकाग्र बना रहता है
ऐसा माना जाता है कि सिर को ढकने से मन एकाग्र बना रहता है और पूजा करते समय पूरा ध्यान भगवान की आराधना में लगा रहता है। इसी कारण के चलते जब भी हम घर में या मंदिर में कोई पूजा करते हैं, तो पंडित सबसे पहले हमें अपना सिर ढकने को कहते हैं। ताकि हम पूरे सच्चे मन से भगवान का नाम ले सकें।
आकाशीय विद्युतीय तरंगों से रक्षा होती है
आकाशीय विद्युतीय तरंगे सिर के लिए हानिकारक होती हैं। खुला सिर होने से ये तरंगे सिर पर प्रभाव डालती हैं और ऐसा होने से इंसान को कई बार गुस्सा आने लग जाता है और उसकी आंखों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। पूजा करते समय सिर को ढका जाता है ताकि इन तरंगों की वजह से आपको पूजा करने में कोई दिक्कत ना आए और आप शांत मन से पूजा कर सके ।
वैज्ञानिक कारण
विज्ञान की दृष्टि से भी सिर को ढकना सेहत के लिए सही माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि सिर के जरिए हमें कई सारे रोग लगने का खतरा होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार बालों में रोग फैलाने वाले कीटाणु आसानी से चिपक जाते हैं और ये कीटाणु बालों के माध्यम से शरीर में भी कई बार प्रवेश कर लेते हैं और ऐसा होने से इंसान को कई तरह की बीमारी लग सकती है। वहीं अगर आप अपना सिर ढककर रखते हैं तो इन कीटाणु से आपकी रक्षा होती है।
कब-कब सिर ढकना चाहिए-
हिन्दू धर्म के अनुसार जब भी आप पूजा करें, मंदिर जाएं, हवन करें, विवाह के समय, या पेड़ की परिक्रमा करें उस समय आपका सिर हमेशा कपड़े से ढका होना चाहिए। महिलाएं अपनी साड़ी के पल्लू या दुपट्टे से सिर को ढक सकती हैं, जबकि पुरुष रूमाल से अपना सिर ढक सकते हैं।