ऑटो चालक ने पेश की इंसानियत की मिसाल, रास्ते पर पड़ी गर्भवती महिला को पहुंचाया अस्पताल, मगर….
बैंगलुरु में एक ऑटो चालक ने इंसानियत की मिसाल पेश की है और इस ऑटो चालक ने रास्ते पर दर्द से तड़प रही एक महिला की मदद की है। बताया जा रहा है कि इस ऑटो ड्राइवर को रास्ते पर एक गर्भवती महिला बुरी हालत में मिली और इस ऑटो ड्राइवर ने बिना कोई देरी किए उस महिला को अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में इस महिला ने एक लड़की को जन्म दिया। लेकिन ये महिला अपनी बच्ची को अस्पताल में छोड़कर वहां से भाग गई। जिसके बाद इस ऑटो ड्राइवर ने बच्ची की देखभाल की और उसे गोद ले लिया। हालांकि इस बच्ची ने कुछ दिनों बाद ही दम तोड़ दिया।
हर कोई कर रहा है ऑटो ड्राइवर की तारीफ
महिला की मदद करने वाले ऑटो ड्राइवर का नाम बाबू मुदर्प्पा है और बाबू मुदर्प्पा के परिवार में इनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। बाबू मुदर्प्पा के अनुसार कुछ दिनों पहले ये जब बैंगलुरु के वाइटफील्ड रोड के पास से गुजर रहे थे तो इन्होंने रोड़ पर एक गर्भवती महिला को दर्द में पाया। जिसके बाद इन्होंने उस महिला को बैंगलुरु के सीवी रमन अस्पताल में भर्ती करवा दिया। बाबू मुदर्प्पा को इस महिला के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी। इसलिए उन्होंने इस महिला को दाखिल करवाते समय फॉर्म पर अपनी जानकारी भर दी। वहीं इस महिला ने अस्पताल में भर्ती होने के अगले दिन ही एक लड़की को जन्म दिया, जो प्रीमेच्योर थी और वो काफी कमजोरी थी। जिसके चलते अस्पताल वालों ने बाबू मुदर्प्पा को उस बच्ची को बॉरिंग अस्पताल ले जाने के लिए कहा। लेकिन इसी दौरा बच्ची की मां उसे अस्पताल में छोड़कर चले गई। बाबू मुदर्प्पा के मुताबिक बच्ची की हालत काफी नाजुक थी और जब उन्हें पता चला की बच्ची की मां उसे छोड़कर चले गई है तो उन्होंने बच्ची को गोद लेने का फैसला किया। बाबू मुदर्प्पा ने बच्ची का इलाज करवाया ताकि वो सही हो सके लेकिन 18 दिन बाद ही इस बच्ची की मौत हो गई।
बच्ची के जन्म से लेकर उसके इलाज पर जितना भी खर्चा आया वो सारा खर्चा बाबू मुदर्प्पा ने उठाया। हालांकि बाबू मुदर्प्पा ने ये बताने से इंकार कर दिया कि उन्होंने कितने रूपए का खर्चा उठाया है। बाबू मुदर्प्पा के अनुसार बच्ची पर कितने पैसे खर्च किए गए हैं ये बताना सही नहीं है। कोई भी मां बाप कभी भी अपने बच्चों पर खर्चे गए पैसों के बारे में नहीं सोचते हैं।
आखिर कौन थी बच्ची की मां
जिस महिला ने इस बच्ची को जन्म दिया था वो कौन थी इसके बारे में बाबू मुदर्प्पा के पास कोई भी जानकारी नहीं है। बाबू मुदर्प्पा के अनुसार उन्हें बस यही पता है कि उस महिला का नाम नंदिता था और ये नाम उस महिला ने अस्पताल में दाखिल होते समय बताया था।
जिस तरह से बाबू मुदर्प्पा ने बच्ची की देखभाल की उसकी तारीफ हर कोई कर रहा है। बाबू मुदर्प्पा ने बिना कोई स्वार्थ के ना केवल उस बच्ची को गोद लिया बल्कि उसके जन्म पर आए सारे खर्चे को भी उठाया। हालांकि फिर भी ये बच्ची बच ना सकी।