पुण्यतिथि: राजकपूर से ब्रेकअप के बाद जीना नहीं चाहती थीं नर्गिस, इस एक हादसे ने बदला सब कुछ
नर्गिस दत्त का नाम बॉलीवुड की मंझी हुई अभिनेत्रियों में शामिल होता है. शुक्रवार को वेटरन एक्ट्रेस की 38वीं पुण्यतिथि है. नर्गिस बॉलीवुड की एक ऐसी अदाकारा थीं जिन्होंने बॉलीवुड को एक नया मुकाम दिया. नर्गिस दत्त पहली ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्हें राज्यस्सभा के लिए नामांकित किया गया था और जिन्हें पहला पद्मश्री सम्मान मिला था. 20 साल के करियर में नर्गिस ने अनेकों सुपरहिट फिल्मों में काम किया. नर्गिस का असली नाम फातिमा राशिद था. नर्गिस ने बॉलीवुड एक्टर सुनील दत्त से शादी की जिनसे उनके तीन बच्चे- प्रिया दत्त, नम्रता दत्त और संजय दत्त हुए. नर्गिस दत्त एक अच्छी मां होने के साथ-साथ एक अच्छी पत्नी भी थीं. आज नर्गिस जी की पुण्यतिथि पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं.
इस तरह आयीं अभिनय में
नर्गिस जी का जन्म 1 जून 1929 को कोलकाता में हुआ था. उनके पिता का नाम उत्तमचंद मोहनदास था. वह एक जाने-माने डॉक्टर थे. उनकी मां का नाम जद्दनबाई था जो कि एक मशहूर नर्तक और गायिका थीं. मां का सहयोग मिलने पर ही नर्गिस फिल्मों में आयीं. नर्गिस की पहली हिंदी फिल्म ‘तलाश-ऐ-हक़’ थी. इस फिल्म में वह बतौर चाइल्ड एक्ट्रेस नजर आई थीं.
राजकपूर से रिश्ता
सुनील दत्त से पहले नर्गिस का नाम राज कपूर के साथ जुड़ा था. लेकिन किसी वजह से दोनों की लव स्टोरी आगे नहीं बढ़ पाई. उस दौर में राजकपूर और नर्गिस कई फिल्मों में साथ काम कर चुके थे. दोनों की केमिस्ट्री परदे से ज्यादा रियल लाइफ में शानदार थी. नर्गिस की वजह से राजकपूर के घर में खूब घमासान हुआ था. हालात ये हो गए थे कि राजकपूर घर से खाना भी लेकर नहीं जाते थे. वह सेट पर ही नर्गिस के साथ खाते थे. पृथ्वीराज कपूर को नर्गिस बहु के रूप में कबूल नहीं थी और फिर आगे जाकर राजकपूर ने उनसे ब्रेकअप कर लिया. राजकपूर से अलग होने के बाद नर्गिस इस कदर अकेली पड़ गयी थीं कि उनके मन में आत्महत्या के ख्याल आने लगे थे. एक दिन फिल्म ‘मदर इंडिया’ की शूटिंग के दौरान सेट पर भयावह आग लग गयी और सुनील दत्त ने नर्गिस की जान बचाई. इस घटना के बाद नर्गिस हमेशा के लिए सुनील दत्त की हो गयीं और दोनों ने साल 1958 में शादी कर ली.
संजय दत्त के बेहद करीब थीं नर्गिस
बता दें, नर्गिस दत्त अपने बेटे संजय दत्त के काफी करीब थीं. जब संजय फिल्म ‘रॉकी’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले थे तब उनकी मां नर्गिस दत्त का कैंसर की वजह से निधन हो गया था. पैंक्रियास कैंसर होने की वजह से मात्र 51 साल की उम्र में नर्गिस जी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.
बाल ठाकरे को भाई मानती थीं नर्गिस
एक इंटरव्यू के दौरान संजय दत्त ने बताया था कि उन्होंने पहली बार बाल ठाकरे का नाम अपनी मां के मुंह से सुना था. संजय ने बताया कि उनकी मां और बाल ठाकरे के बीच भाई बहन का रिश्ता था. इतना ही नहीं, 1993 मुंबई बम धमाकों में जब संजय दत्त को जेल हुई थी तब उनके पास रोजाना बाल ठाकरे साहब का मैसेज आता था. वह अक्सर यही कहते थे कि, “फिकर नहीं करने का, मैं हूं इधर”.
बीमारी में भी थी बेटे की चिंता
बता दें, मुंबई बम धमाकों में संजय को अवैध रूप से हथियार रखने के जुर्म में जेल की सजा हुई थी. उस वक़्त पिता सुनील दत्त ने बाल ठाकरे से संजय दत्त की रिहाई के लिए मदद मांगी थी. उस दौरान उनकी मां नर्गिस दत्त यूएस में कैंसर का इलाज करवा रही थीं. नर्गिस ने अपने तीनों बच्चों को बुलाकर बोला था कि मुंबई में उनका एक भाई रहता है जिनका नाम बाल ठाकरे है. कोई भी जरूरत पड़े तो उनके पास चले जाना.
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