आखिर भारत के आगे झुक ही गया चीन, मान लिया कश्मीर और अरुणाचल को भारत का हिस्सा
भारत के दुश्मन देशों में सिर्फ पाकिस्तान का नाम ही शामिल नहीं है बल्कि चीन भी भारत को अपना दोस्त नहीं मानता और इसका सबूत चीन एक नहीं कई बार दे चुका है. चीन भारत को एक पिछड़ा देश मानता है और पाकिस्तान का भरपूर सपोर्ट भी करता है. मगर पिछले दिनों कुछ ऐसा हुआ जिसका आप अंजादा भी नहीं लगा सकते और इस खबर को हर किसी ने हैरानी के साथ देखा है. आखिर भारत के आगे झुक ही गया चीन, ये भारत और मोदी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इस मामले में आप क्या कहते हैं ?
आखिर भारत के आगे झुक ही गया चीन
आजादी के बाद से भारत और चीन के बीच अक्सर अरुणाचल प्रदेश तक विवाद रहा है. मगर अब जो चीन ने कदम उठाया उसकी कल्पना 70 सालों में भारत या पाकिस्तान क्या दुनिया में कोई नहीं कर सकता है. चीन ने कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा मान ही लिया है. बाआरआई के दूसरे समिट में भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता था. चीन ने अपने नक्शे में कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा माना है. इसका जिक्र मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ने भी किया है. 3 दिन तक चलने वाले समिट की शरुआत 25 अप्रैल को की और वो नक्शा मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ऑफ द प्यूपल रिपब्लिक ऑफ चीन ने पास किया है. इस नक्शे में भारत को भी बीआरआई का हिस्सा बनाया गया था. आपको बता दें कि भारत ने इस समिट का बहिष्कार कर दिया था. इससे पहले साल 2017 में बीआरआई के पहले समिट में भारत शामिल नहीं हुआ था. बीआरआई समिट मे 37 देश शामिल हो रहे हैं, जिसका मकसर राज मार्गो, रेल नाइरो, बंदरगाहों और सीलेन के नेटवर्क के जरिए एशिया से यूरोप को जोड़ने का लक्ष्य है.
चीन ने अरुणाचल प्रदेश वाले 30 हजार नक्शे नष्ट किए थे. इस साल मार्च में चीन ने इन नक्शों को नष्ट किए थे. जिनमें और अरुणाचल प्रदेश और ताइवान को चीन के नक्शे में नहीं दिखाया गया था. भारत और चीन दुनिया के 3448 किलोमीटर की दूरी पर कई दशक पुराना विवाद है. कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन ने हमेशा स्टैंड लिया और ये कहता था कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है. जबकि एक्साई चीन पर अपना दावा करता है, जम्मू कश्मी के कुछ हिस्सों पर पाकिस्तान का कब्जा है और उसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर या पीओके कहा जाता है. पीओके जम्मू-कश्मीर का वो हिस्सा है जिसपर पाकिस्तान ने साल 1947 में हमला करके अपने अधिकार में कर लिया था.
इसकी राजधानी मुज्जफराबाद है चीन पीओके को हमेशा विवादित मानता आया है. इसी बीच चीन और पाकिस्तान में दूरियां बढ़ रही हैं. 23 अप्रैल को चीन को चीनी नौसेना के 70वें जयंती के मौके पर आयोजित परेड के दौरान पाकिस्तानी जाबांजों की गैरमौजूदगी में दोनों देशों की घनिष्ठता पर सवाल उठाए हैं. वहीं दो भारतीय युद्ध को आईएनएस कोलकाता और आईएनएस शक्ति ने क्विंटाऊ में चीनी राष्ट्रपति चिंग फिंग ने उस परेड में हिस्सा लिया था. पाकिस्तानी जहाजों की गैर मौजूदगी में सवाल पर चीनी सरकार कोई जवाब नहीं दे पा रही थी.