उदयपुर शहर की शान है ‘सिटी पैलेस’ (उदयपुर का किला) जानें इस पैलेस के बारे में
राजस्थान एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां पर हर साल भारत सहित दुनिया से कई सारे पर्यटक आते हैं। राजस्थान में घूमने के लिए कई सारी जगहें मौजूद हैं और इन्हीं जगहों में से सबसे प्रसिद्ध जगह उदयपुर का किला यानी सिटी पैलेस (udaipur kila) है। सिटी पैलेस करीब 400 साल पुराना है और इस पैलेस में आपको अद्भुत कलाकारी देखने को मिलेगी। जो लोग भी उदयपुरआते हैं वो इस पैलेस के दीदार जरूर करते हैं। सिटी पैलेस एक महल परिसर है, जिसमें मेवाड़ साम्राज्य की छाप देखने को मिलती है। सिटी पैलेस (udaipur kila) के अंदर बहुत सारे महल बने हुए है।
इस महल का निर्माण महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने किया था और उनके बाद उनके उत्तराधिकारियों ने इस महल को और बढ़ा करने का कार्य किया। ऐसा कहा जाता है कि इस किले को बनाने के लिए 22 राजाओं ने अपना योगदान दिया है और जब जाकर ये इतना सुंदर महल बन सका है। इस महल के कई हिस्सों को पर्यटकों के लिए खोला गया है और लोग इस महल में आकर महल की सुंदरता को बेहद ही करीब से देख सकते हैं। इस महल के पास ही पिछोला झील भी स्थित है जो कि कृत्रिम झील है।
सिटी पैलेस (उदयपुर का किला) में जाकर क्या क्या देखें-
महल का संग्रहालय
सिटी पैलेस (udaipur kila) के अंदर ही एक संग्रहालय बनाया गया है और इस संग्रहालय का प्रवेश द्वार काफी सुंदर। संग्रहालय के अंदर आपको हथियार, राजाओं के सामान और युद्ध चित्र देखने को मिलेगी। इस संग्राहलय में रखी हर एक चीज आपको इतिहास के करीब ले जाएगी।
क्रोनिंग हॉल
क्रोनिंग हॉल बेहद ही बड़ा और सुंदर है। इस हॉल में संगमरमर के पत्थरों को लगाया गया हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर ही राजाओं की ताज पोश की जाती थी। जिसकी वजह से इस क्रोनिंह हॉल कहा जाता है। इस हॉल में आपको बेहद ही सुंदर झूमर और विशाल चित्र देखने को मिलेंगे। इस हॉल से निकलते ही आपको सिटी पैलेस में शीश महल की तरह ही बना एक कमरा दिखेगा। जिसमें आपको बेहद ही सुंदर चित्र देखने को मिलेगी। इस कमरे की दीवारों से लेकर छत तक शीशे लगाए गए हैं।
रंग भवन
सिटी पैलेस (udaipur kila) में बने रंग भवन में आपको भगवान कृष्णा, मीराबाई और शिव जी के मंदिर देखने को मिलेंगे। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर राजाओं द्वारा अपना खजाना रखा जाता था।
फतेहप्रकाश पैलेस
फतेहप्रकाश पैलेस को एक होटल में बदल दिया गया है। इस होटल में गहनों से जड़ा हुआ एक कारपेट लगा हुआ है और बेहद ही कीमती चीजें रखी गई हैं। कहा जाता है कि इस जगह पर रखी गई चीजों को महाराणा सज्जन सिंह ने सन् 1877 में लंदन से खरीदा था। लेकिन लंदन से ये चीजे भारत आने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई थी। जिसकी वजह से इन चीजों को 110 साल किसी ने नहीं खोला था।
मोर चौक
सिटी पैलेस (udaipur kila) के अंदर बनें मोर चौक महल में मोर के आकार वाला एक कक्ष है। जिसमें तीन मोरों को बनाया गया है। सिटी पैलेस बनने के 200 साल बाद इस कक्ष को इस पैलेस के अंदर महाराणा सज्जन सिंह द्वारा बनाया गया था।
ऊपर बताई गई चीजों के अलावा इस महल के अंदर आपको अमर विलास, भीम विलास, लक्ष्मी विलास चौक, कृष्णा विलास और बड़ी महल भी देखने को मिलेंगे। इन सभी छोटे छोटे महलों को महाराणा उदय सिंह द्वितीय के उत्तराधिकारियों ने बनाया है। इन सब चीजों के अलावा इस पैलेस में मेवाड़ साउंड एंड लाइट शो भी हर रोज होता है।
उदयपुर का किला में प्रवेश शुल्क
बच्चों के लिए- 15 रूपए
बड़ों के लिए- 30 रुपए
कैमरा ले जाने का शुल्क – 200 रुपए
इसके अलावा अगर आप मेवाड़ साउंड एंड लाइट शो या बोटिंग का मजा लेना चाहते हैं तो आपको उसके लिए अलग से टिकट लेने होगा। ये पैलेस सुबह 9.30 बजे खुल जाता है और शाम के 5.30 बजे बंद हो जाता है। ये सातों दिन खुला रहता है।
कैसे पहुंचे उदयपुर का किला
सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग 8 के जरिए उदयपुर जाया जा सकता है। दिल्ली से उदयपुर साढ़े सात सौ किलोमीटर है।
ट्रेन मार्ग : दिल्ली,अहमदाबाद और मुंबई से उदयपुर के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं।
वायु मार्ग: दिल्ली, मुंबई सहित कई शहरों से उदयपुर के डबोक हवाई अड्डे के लिए रोजाना कई उड़ानें जाती हैं।
कहां रुकें
उदयपुर में कई सारे होटल हैं और आपको अपने बजट के हिसाब से होटल इस शहर में मिल जाएंगे।