दसवीं पास ससुर और अनपढ़ सास ने बहू को दिया हौसला तो उसने IAS बन समाज में रोशन किया नाम
कहते हैं कि इस दुनिया में जब कोई कुछ करने ठान लेता है तो भगवान भी उसका साथ देने लगता है, जहां एक तरफ इस समाज में बहुओं पर हो रहे अत्याचार की खबर अखबार में सामने आती है वहीं इसी समाज में एक ऐसी कहानी सामने आई जो वाकई में मिसाल पेश करने वाली है। जी हां दरअसल आपको बता दें कि हाल ही में एक ऐसी कहानी सामने आई जिसमें एक अनपढ़ सास और दसवीं पास ससुर ने बहू के हौसले बुलंद किए और इतना ही नहीं बहू ने भी उनका नाम समाज में रोशन कर दिया। ये कहानी कमला नगर के शांति नगर निवासी मंजू अग्रवाल के घर की है जो अपने घरों में बच्चों को पढ़ाने का काम करती थी और शायद उनकी इसी उंची सोच ने आज खुद उनकी बहू को एक IAS बना दिया।
IAS बनाने में इस तरह दिया सास-ससुर ने साथ
जहां एक तरफ लोग बहूओं के ऊपर बंदिशें व तमाम तरह की प्रताड़नाएं करते हैं वहीं इसी समाज में एक सास ससुर ने अपनी बहू को बिल्कुल माता पिता की तरह साथ दिया और उसे पढाई करने में मदद की जिसकी वजह से उनकी बहू अदिति ने पहले प्रयास में ही आईएएस की परीक्षा पास की है। जब उन्होने ये परीक्षा पास की तो उनसे उनकी सफलता के बारे में पूछा गया, अदिति ने बताया कि मेरी कामयाबी के साथी सास मंजू अग्रवाल, ससुर राजीव अग्रवाल और पति निशांत अग्रवाल हैं।
जी हां, ये भी बता दें कि अदिति ने अपनी पढ़ाई गाजियाबाद के मोदी नगर के दयावती मोदी पब्लिक स्कूल से 12वीं तक की शिक्षा ली है और फिर इसके बाद जब वो कालेज में गई तो उनको दोस्तों से ये प्रेरणा मिली की वो कालेज के पास बने गंदे नाले के पास रहने वालों को देखकर यह फैसला लिया है। एपीजे स्कूल ऑफ आर्किटेक्ट एंड प्लानिंग ग्रेटर नोएडा से बीआर्क किया है। बताते चलें कि साल 2015 में उनकी शादी आगरा में निशांत से हो गई। इसके बाद आईएएस की तैयारी शुरू की थी। फिर क्या था पहले ही प्रयास में ही सफलता हासिल की है। आईएएस की परीक्षा में 282वीं रैंक हासिल करने वाली अदिति ने बताया कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा में बैठने के लिए अभ्यार्थियों को बेसिक मजबूत करना चाहिए।
इस परीक्षा को पास करने के बाद अदिति का कहना है कि वो जब कालेज जाते समय मोदी नगर में नाले के पास रहने वालों लोगों के बारे में सोचती थीं और परेशान होती थीं अब उनके लिए वो कुछ अच्छा काम करेंगी ताकि उनको इससे छुटकारा मिल सके। आज हर कोई अदिति की तारीफ कर रहा है लेकिन इसके साथ ही साथ उनके सास ससुर का भी बेहद ही गुणगान हो रहा है और हो भी क्यों न भला आज के समय में कोई अपनी बहू की सोच का सम्मान करते हुए उसे इतना सपोर्ट कर रहा है ये वाकई में बेहद ही गर्व की बात है। अगर हर बहू को ऐसे सास ससुर मिले तो दुुनिया के सभी बेटी के मां बाप की चिंता ऐसे ही दूर हो जाएगी।