माता पिता की सेवा करनी हो या देखरेख करनी हो तो कठिनाई में भी रास्ता निकल जाता है
एक शहर में एक परिवार रहता था जिसमें एक आदमी अपने पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। गर्मी के दिन शुरु हो गए थे तो बच्चों ने अपने पिता से जिद की गर्मी की छुट्टी में उन्हें दादा दादी के पास ले चलें। वो व्यक्ति रोजाना सोचता, लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिलती की वो अपने माता पिता से मिल पाएं। एक शाम को बच्चों को मनाने के लिए उनका मन पसंद फल लेने बाजार गया। कई तरह के फल आ चुके थे। एक ठेले पर उसकी नजर पड़ी। उस ठेले का मालिक नहीं दिख रहा था, लेकिन एक बोर्ड टंगा था।
ठेले पर मिला बोर्ड
उस बोर्ड पर लिखा था- मेरी बूढ़ा मां बीमार है और इसलिए मुझे थोड़ी थोड़ी देर में उन्हें दवा देने के लिए जाना पड़ता है। अगर आपको जल्दी है तो आप अपने हाथों से फल तौल लें और फिर पैसों को गल्ले में रख दें। फलों के हिसाब से पैसे की लिस्ट लगी हुई है। उस व्यक्ति ने काफी देर तक इंतजार किया, लेकिन इसका कोई नहीं आया। व्यक्ति ने अपने हिसाब से फल तौल लिए औऱ गल्ले में पैसा रख कर चला गया।
घर पहुंचा तो उसके मन में कौतुहल हुआ कि आखिर वो व्यक्ति इस तरह से कैसे अपना ठेला छोड़कर चला जाता है। रात होते होते वक्त एक बार फिर वो बाजार में पहुंचा। देखा की एक बूढ़ा सा थका हुआ व्यक्ति ठेला धकेलते हुए जा रहा है। वो तुरंत उसके पास पहुंचा और उससे कहा –भाई तुम अपना ठेला छोड़कर जा रहे हो तुम्हें किसी बात का डर नहीं लगता।
व्यक्ति मुस्कराया औऱ कहा- मेरी मां पिछले काफी समय से बीमार है और मेरे परिवार में कोई और नहीं बचा है। मां की देखभाल के लिए मुझे उसके पास रहना जरुरी है। वहीं फल नहीं बेचुंगा तो कमाई नहीं हो पाएगी। मैं रोज अपना फल का ठेला लगाकर .यहीं चल जाता हूं और बोर्ड लगा देता हूं। चोरी की क्या बात लोग ज्यादा ही पैसे दे जाते हैं।
मुश्किलों से भी निकलता है रास्ता
आगे उसने कहा कि कभी कभी लोग खाना भी छोड़ जाते हैं। एक छोटी बच्ची कल पुलाव छोड़ गई थी और लिखा था अम्मा के लिए। वहीं एक डॉक्टर ने अपना पता लिखा था औऱ कहा था जब भी एमरजेंसी हो बुला लेना। इस तरह से लोगों की मदद से मेरा घर भी चल जाता है और लोगों से मदद भी मिल जाती है।
इतना बोलकर ठेले वाला आगे बढ़ गया। वो व्यक्ति वहीं खड़ा खड़ा सोचता रहा कि ये व्यक्ति इतनी परेशानी में भी अपना मां का साथ नहीं छोड़ रहा और मै इतनी सुविधा के बाद भी अपने माता पिता के पास नहीं पहुंच पा रहा हूं। इसके बाद वो घर आया और अपनी पत्नी से कहा कि सामान तैया कर लो हम मां पापा से मिलने कल सुबह ही जाएंगे।हमें अपने माता पिता की सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहिए और जिस चीज में परेशानी लग रही हो उसके लिए बस प्रयास करना चाहिए। कहीं ना कहीं और किसी ना किसी तरीके से इसका समाधान निकल जाएगा।
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