जब पति पत्नि के बीच आपसी सामंजस्य बना रहता है तो जिंदगी खूबसूरत हो जाती है
रिश्ते सिर्फ खून के और प्यार के नहीं होते। कुछ रिश्ते अजनबीपन के होते हैं। हम कितने ही लोगों के साथ बस में ट्रेन में ऑटो में फ्लाइट में सफर करते हैं। हर बार अलग चेहरे, अलग लोग और अलग बातें, लेकिन कई बार जब एक ही चेहरा बार बार सामने दिखे तो एक अनजाना रिश्ता बन ही जाता है। ऐसा ही रिश्ता एक लड़के का ट्रेन के सफर में बना था एक पति-पत्नी के साथ। जब भी वो ट्रेन में बैठता उसके सामने एक पति-पत्नी बैठते और लास्ट स्टेशन तक जाते। दोनों ढेर सारी बातें करते रहते और सामने बैठा वो युवक लगातार उन्हें देखता।
साथ सफर करते पति-पत्नी
वो युवक देखता कि औरत हमेशा अपने साथ एक स्वेटर बुनती रहती है औऱ उसका पति उससे बातें करता रहता। सामने बैठा य़ुवक उन दोनों की बातें सुनता , लेकिन कभी कुछ नहीं कहता। बस उसे खुशी होती की एक कपल ऐसा भी है जो आज भी एक दूसरे से इतना प्यार करता है। ये सिलसिला कई दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। फिर एक दिन ऐसा हुआ की दोनों पति पत्नी ट्रेन में नहीं आए।
उनके सामने बैठने वाले युवक को थोड़ा अटपटा लगा क्योंकि उसकी आदत हो चुकी थी उन्हे बात करते हुए देखने की। ऐसा करते करते कई दिन बीत गए औऱ वो दोनों नहीं आए। युवक का उसे कोई रिश्ता नहीं था फिर भी उसे ऐसा महसूस होता कि वो उनकी जिदगी से जुड़ा था या वो दोनों उसकी जिंदगी का हिस्सा था इसलिए अचानक दोनों कहां गायब हो गए ये जानना जरुरी था।
उसके पास ना तो फोन नंबर था ना ही कोई पता कि वो कुछ पता लगा सके। फिर उसने सोचा जरुर दोनों शहर से बाहर गए होंगे और कुछ समय बाद वापस आ जाएंगे। ऐसे करते एक महीना बीत गया। एक दिन जब वो ट्रेन में चढ़ा तो उसने अपने सामने उस आदमी को देखा। उसके बाल बिखरे थे, दाढ़ी बढ़ी थी चेहरा उदास था और आंखो में मायूसी थी। साथ में पत्नी मौजूद नहीं थी।
प्रेम के लिए जीवन छोटा है
वो भागता हुआ उसके पास गया औऱ बोला- अरे कहां थे आप लोग इतने दिनो से। वो शांत रहा और धीरे से बोला – बाहर गया था। युवक की जिज्ञासा शांत नहीं हुई तो उसने फिर पूछा कि क्या आपकी पत्नी आपके साथ नहीं आई। पति के चेहरे पर आंसू के बूंद आ गए। उसके मुंह से कुछ नहीं निकला। युवक सोचने लगा कि क्या दोनों अलग हो गए, इतना प्रेम तो था, फिर कैसे अलग हो गए।
उसने फिर जानने की आशा में पूछा कि क्या हुआ। पति ने कहा- मेरी पत्नी को कैंसर था। पिछले एक महीने से उसकी इलाज की तैयारी हो रही थी लेकिन डॉक्टर जानते थे कि वो नहीं बचेगी। वो भी जानती थी की वो नहीं बचेगी इसलिए उसने फैसला किया था कि हम ज्यादा से ज्यादा वक्त एक साथ बिताएंगे। ये ही वजह थी कि वो रोज मेरे साथ ट्रेन में मेरे साथ सफर करके ऑफिस जाती और फिर घर लौट आती।
युवक को दुख होने लगा फिर उसने पूछा औऱ वो स्वेटर….पति ने कुछ नहीं कहा औऱ फिर उसन खुद को भीड़ से निकाला। युवक ने देखा कि उसने वही स्वेटर पहना था जो उसकी पति बुनती थी। उसकी आंखे भी भर आई। उसने सोचा कि क्या ऐसा भी प्रेम हो सकता है जहां कहीं जिंदगी का बंधन ना हो। जहां दो लोग एक सामाजस्य बनाएं रखें तो जीते जी खुशियां मिल जाएंगी।
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