मन की परेशानी और तनाव दूर करने के लिए खास होते हैं ये 5 फूल, घर-आंगन में लगाना होता है शुभ
जीवन में हर तरह के सुख दूख आते रहते हैं, लेकिन कई बार परेशानियां ज्यादा बढ़ जाती है। अगर सबकुछ ठीक चलता रहे तो जीवन जीना आसान रहता है। ऐसे में अगर आपके जीवन में परेशानियां चल रहीं तो उससे निपटने के लिए आप कई तरह के उपाय कर सकते हैं। जहां मन शांत रहता है और जीवन में प्रसन्नता रहती है वहां मां लक्ष्मी का वास होता है औऱ स्वास्थ मजबूत रहता है। ऐसे में आपको हम 6 तरह के फूलों के बारे मे बताएंगे जिन्हें अगर आप अपने घर के आंगन में रख देंगे तो आपकी कई परेशानिया दूर हो जाएगीं।
चंपा
चंपा खूबसूरत मंद, सुगंधित, हल्के पीले फूल होते हैं जिनका इस्तेमाल पूजा में किया जाता है। चंपा का पेड़ अक्सर मंदिरों में देखने को मिलता है क्योंकि इसको फूल पत्तियों से वातावरण शुद्ध रखता है। इन वृक्षों का उपयोग घर, पार्किंग प्लेस या सजावट के तौर पर भी कर सकते हैं। चंपा में पराग नही होता है इस वजह से इस पर कभी मधुमक्खियां नहीं बैठती हैं। बता दें कि चंपा को कामदेव के 5 फूलों में गिना जाता है। अगर आप अपने घर के आंगन में चंपा का फूल लगाते हैं तो ये आपके जीवन में खुशहाली लाता है क्योंकि चंपा का वृक्ष वास्तु की दृष्टि से सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।
रातरानी का फूल
रात की रानी यानी चांदनी का फूल। इसकी खुश्बू किसी को भी मदहोश कर सकती है। इसकी सुगंध दूर तक फैलती है। इस फूल की सबसे दिलचस्प बात ये हैं कि ये छोटे छोटे गुच्छे मे आते है और रात में खिलते है और सुबह फिर सिकुड़ जाते हैं इस वजह से इसे रात रानी कहा जाता है। रातरानी फूल साल में 5 से 6 बार ही आते हैं। इन फूलों को मिलाकर ही इत्र भी बनाया जाता है। इसको घर में कहीं भी लगा देने से घर में मनमोहक वातावरण बन जाता है। इसके फूलों से महिलाए गजरा बनाती हैं।
पारिजात का फूल
पारिजात के फूल को अंग्रेजी में नाइट जेस्मिन कहते हैं। इस फूल की भी यही खासियत है कि ये सिर्फ रात में ही खिलते हैं। पारिजात के फूल लगाने से तनाव दूर होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर पारिजात के पेड़ सिर्फ छू भर लो तो इससे थकान मिट जाती हैं।इस फूल का इस्तेमाल लक्ष्मी पूजन के लिए होता है। हालांकि पूजा में वही फूल इस्तेमाल होते हैं जो अपने आप पेड़ से टूटकर गिरे हों। ये फूल जिस भी घर आंगन में होते हैं वहां हमेशा शांति और स्मृद्धि बनी रहती है।
रजनीगंधा
इसका पौधा आपको पूरे देश में कही भी मिल जाएगा। मैदानी क्षेत्रों में अप्रैल से सितंबर तक तथा पहाड़ी क्षेत्रों में जून से सिंतबर तक रजनीगंधा के फूल खिलते हैं। रजनीगंधा का फूलों का इस्तेमाल माला या गुलदस्ता बनाने के लिए किया जाता है। साथ ही इसकी लंबी डंडिया सजावट के काम आती हैं। इसमें कई तरह के औषधिय गुण पाए जाते हैं।
जूही के फूल
जूही के फूलों में गजब की सुगंध होता है और इसके कारम बगीचों में अक्सर जूही के पेड़ पौधे लगाए जाते है। ये सफेद रंग के होते हैं औऱ चमेली की तरह ही दिखते हैं। इसकी सुगंध मन मस्तिष्क से सारे तनाव हटा देती है और वातावरण को शुद्ध बना देती है।
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