ये हैं वासंतिक नवरात्री में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, जानिए स्थापना विधि के खास नियम
जैसा की हम सब जान रहे है इस बार देवी दुर्गा को समर्पित और हिन्दू धर्म का पवित्र त्योहार यानी की चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से शुरू हो रहा है। बताते चलें की चैत्र नवरात्रि का पर्व देवी के सभी रूपों की पूजा-अर्चना का बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व माना जाता हैं। ऐसा बताया जाता है की जो भी व्यक्ति इस दौरान देवी की विधि पूर्वक पुजा करता है और उन्हे प्रसन्न कर लेता है तो देवी माँ की कृपा से उसके जीवन में हमेशा ही सुख, शांति और सफलता की प्राप्ति होती हैं। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की वसंत में शुरू हो रहे इस नवरात्र को वासंतिक नवरात्र के रूप में भी जाना जाता है और ये पर्व पूरे आठ दिनों तक मनाया जाएगा और इस दौरान देवी माँ के सभी रूपों की पुजा की जाती है। बताते चलें कि चैत्र शुक्ल पक्ष का बहुत ही बड़ा धार्मिक महत्व होता हैं और ज्योतिषियों के अनुसार भी बताया गया है की इस बार वासंतिक नवरात्रि को लेकर बहुत ही अद्भुत संयोग बनते नजर आ रहे हैं।
ऐसा माना जाता है की चैत्र नवरात्र के साथ ही हिंदू धर्म का नववर्ष भी शुरू हो जाता है और तो और आपको ये भी बता दें की नवरात्रि के व्रत में कलश स्थापना का बहुत ही खास महत्व होता है और यदि किसी भी भक्त को मां दुर्गा की कृपा पानी हो तो उसे कलश की स्थापना हमेशा उचित मुहूर्त में ही करनी चाहिए। तो चलिये जानते हैं इस वर्ष नवरात्रि घटस्थापना के लिए सबसे श्रेष्ठ और शुभ मुहूर्त कौन सा है और साथ ही साथ आपको बताएँगे इसकी स्थापना विधि के कुछ खास नियम।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारे हिंदू धर्म के अनुसार नवरात्रि में नौ दिनों तक देवी मां की आराधना करने से देवी माँ अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और यह भी बताया जाता है कि नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, यानी कि कलश की स्थापना करना। ऐसा करने से माँ भक्तों से और भी प्रसन्न होती है और उन्हे सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को दिन में 11: 35 बजे से दोपहर 12: 24 बजे तक बन रहा, बताया जा रहा है कि अभिजित मुहूर्त में कलश की स्थापना किया जाना शुभ माना जाता है क्योंकि शनिवार 6 अप्रैल को दिनभर वैधृति योग बन रहा हैं। वैधृति योग में कलश स्थाना आदि का निषेध है।
कलश स्थापना के खास नियम
सर्वप्रथम आपको बता दें कि उयादी इस नवरात्र में आप भी कलश स्थापना करने जा रहे है तो इस बात का सबसे ज्यादा विशेष ध्यान दें कि ये कार्य आपको हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए, अन्यथा इसका फल नहीं मिलता है।
ध्यान रखें कि कलश स्थापना करने के लिए पूजा स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछा लें और उसपर अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें। कलश का मुंह भूल से भी खुला ना रखें, उसे किसी चीज से ढक देना चाहिए जैसे किसी पात्र से या फिर नारियल से ही।
कलश स्थापना करते हैं तो आपको दोनों पहर मंत्रों का जाप करना चाहिए जैसे दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ करना चाहिए, ऐसा करने से माँ प्रसन्न होती हैं।