द्रौपदी के अनुसार हर स्त्री को मनानी चाहिए ये चार बातें और कभी नहीं बताना चाहिए अपने घर के ये भेद
महाकाव्य महाभारत के सबसे प्रसिद्ध पात्रों में से एक द्रौपदी जो ना सिर्फ बेहद खूबसूरत महिला थी बल्कि काफी हद तक रहस्यमयी भी। यह कोई सामान्य बात नहीं है की पांच पतियों के बावजूद उसे संसार की श्रेष्ठतम चरित्र और गुणों वाली महिला के रूप में दर्शाया जाता है। द्रौपदी का जन्म यज्ञ की अग्नि से हुआ था इसलिए उसे याज्ञसेनी या अग्नि की पुत्री भी कहा गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की द्रौपदी का नाम राजा द्रुपद की पुत्री होने की वजह से मिला हुआ है। वैसे तो आमतौर पर हर किसी के जेहन में द्रौपदी को लेकर यही बात मन में बसी हुई है की द्रौपदी के पाँच पति थे और काफी हद तक महाभारत के युद्ध के लिए वही जिम्मेदार थी मगर द्रौपदी की कथा-व्यथा से शायद ही कोई परिचित होगा।
आज हम आपको बताएँगे की स्वयं द्रौपदी ने स्त्रियॉं को कुछ सीख दी है जिसे सनसे की हर स्त्री को मानना चाहिए और जहां तक संभव हो कुछ ऐसे भेद अन्य किसी को भी नहीं बताना चाहिए।
द्रौपदी ने दी है स्त्रियॉं को सीख
सर्वप्रथम आपको बताते चलें की घर के भेद किसी को भी नहीं बताने चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है की दूसरे व्यक्ति से ये भेद बाहर फ़ैल सकते हैं और बाहर हमारे मित्रों के साथ साथ शत्रु भी होते हैं जो हमेशा इसी ताक में रहते हैं। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की अपने घर में हो रहे ऊंच-नींच और किसी भी तरह के भेद बाहर वाले से साझा नहीं करना चाहिए। बाहरवालों के सामने घर की एकता बनाकर रखनी चाहिए।
स्त्री को कभी भी छोटी सोच नहीं रखनी चाहिए वरना घर में बरकत नहीं होती क्योंकि एक स्वार्थी व्यक्ति भी अगर छोटा सोचकर चलता है तो वह कभी बड़ा नहीं कर पाता फिर स्त्री को तो अपने पुरे परिवार को साथ लेकर चलना होता है। अपने घरवालों के साथ हमेशा अच्छे रहें पर अपने स्वाभिमान से कभी समझौता ना करें, द्रौपदी ने भी अपने पूरे जीवनकाल में द्यूतसभा से पहले तक कभी किसी से कोई द्वेष नहीं रखा था।
एक अच्छी और सच्ची स्त्री को हमेशा बुरी स्त्री से उचित दूरी बनाकर रखना चाहिए और मतलब से मतलब रखना चाहिए क्योंकि जब एक स्त्री की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है तो उसका प्रभाव पुरे परिवार पर पड़ता है। ऐसा बताया गया है की एक बुरी स्त्री, किसी बुरे पुरुष से भी ज्यादा ख़तरनाक हो सकती है जो अपने घर के साथ साथ दूसरे के घर को भी बर्बाद कर सकती है।
बताते चलें की एक अच्छी स्त्री को हमेशा अपने पति का सम्मान करना चाहिए, उसकी हर उचित आज्ञा का पालन करना चाहिए। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि किसी भी तरह की विषम परिस्थिति में अपना संयम नहीं खोना चाहिए और पति के साथ मिलकर उसका सामना करना चाहिए और उसका हल निकालना चाहिए क्योंकि पति पत्नी एक दूसरे के आधे अंग माने जाते हैं। आपको बता दें की खुद द्रौपदी ने भी अपने पूरे जीवनकाल में पांडवों का पूरा साथ दिया था फिर चाहे वह कठोर वनवास हो या महाभारत जैसा बड़ा भारी युद्ध।