रात 11 बजे 2 साल की बेटी को लेकर ड्यूटी पर निकली ये IPS, पुलिसवाले कहते रहे- ‘मैडम, हमे दे दो’
भारत में आज महिलाएं पुरूषों के साथ कदम से कदम बढ़ाकर चलती हुई नजर आ रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाएं देश का सिर गर्व से ऊंचा कर रही हैं। इसी कड़ी में आईपीएस और इंदौर की एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र का नाम भी शामिल है। जी हां, आईपीएस और इंदौर की एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र एक बार फिर से चर्चा में हैं और इस बार वे अपनी ड्यूटी को लेकर हैं। आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र तमाम महिलाओं के लिए मिसाल बन गई और उन लोगों के मुंह पर तमाचा मारने का काम कर रही हैं, जोकि महिलाओं को घर में रहने की सलाह देते हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र अपने बैच की टॉपर रही हैं। आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र अचूक निशानेबाज हैं और इनका निशाना कभी नहीं चूकता है। पहली बार आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र अपने सास के पैर छूकर पदभार संभालने को लेकर चर्चा में आई थी और इस बार वे अपनी बेटी को लेकर सुर्खियों में हैं। जी हां, आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र की बेटी अभी बहुत छोटी है और ऐसे में वह काफी जिद्दी भी है, लेकिन इन्होंने ड्यूटी और ममता दोनों को एक साथ निभाया।
रात 11 बजे बेटी को लेकर ड्यूटी पर पहुंची आईपीएस मिश्र
शुक्रवार की रात 9 बजे आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र जब घर पहुंची तो उनकी बेटी उनसे लिपट गई और उन्हें छोड़ नहीं रही थी, ऐसे में उसी समय उन्हें खुड़ैल थाने के निरीक्षण के लिए जाना था और बेटी ने जिद की तो वे उसे भी अपने साथ ले गई। रात करीब 11 बजे जब वे थाने पहुंची तब उनकी बेटी सो चुकी थी, तो आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र को बेटी के साथ देखकर पुलिस वालों ने उनसे कहा कि मैडम बच्ची को हमे दे दो, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को किसी को नहीं दिया और अपनी ड्यूटी करती रहीं। बता दें कि हाल ही में आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र ने इंदोर में एसएसपी के तौर पर ज्वाइन किया है और इनके पति भी उज्जैन के कलेक्टर हैं।
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शूटिंग कॉम्पिटिशन में रहीं हैं अव्वल
आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने दिल्ली में जेएनयू से एमए और एमफील की पढ़ाई के साथ यूपीएससी परीक्षा में भी सेलेक्ट हुईं और उनकी ऑल इंडिया में 67वीं रैंक थी। आईपीएस बनने के बाद तीन महीने की ट्रेनिंग मसूरी में थी। इसके बाद हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग ली और ऐसे यूपीएससी के नंबर और ट्रेनिंग के नंबर मिलाकर आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र अपने बैच की टॉपर रही हैं। इतना ही नहीं, शूटिंग कॉम्पिटिशन में इन्हें 10 में से 10 नंबर मिले थे। यानि शूटिंग में अव्वल रही हैं।
अपने काम से अपना नाम कमाया
आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र को दबंग लेडी के नाम से जाना जाता है। 2016 में भोपाल में यूपीएससी की छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले की जांच करते हुए 4 को सजा दिलाने में रुचि वर्धन की अहम भूमिका रही है। बता दें कि रुचि वर्धन मिश्र कोर्ट के आदेश पर डे-बाय-डे चैलेंज मिलने पर जांच पूरी कर चार्जशीट पेश की थी और इसके बाद चार दोषियों को उम्र कैद की सजा दिलवाने में इनका अहम रोल रहा। मतलब साफ है कि आईपीएस रुचि वर्धन मिश्र ने अपने काम से अपना नाम कमाया है।