इस पवित्र नदी में स्नान करने से होता है कालसर्प दोष का नाश, जानें कैसे!
भारत पूरी दुनियाँ में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यह देवी देवताओं का देश रहा है। यहाँ पर कई पवित्र नदियाँ बहती हैं। हर नदी अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण है और सबका काम भी अलग-अलग है। इन्ही नदियों ने से एक है नर्मदा नदी, जिसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। इसके बारे में बाल्मीकि ने अपने रामायण में कहा है कि इसी नदी के किनारे कार्तवीर्य अर्जुन ने रावण को हराया था। इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि इस नदी में नहाने से इंसान के कई पाप तो दूर होते ही हैं साथ ही साथ कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है।
कालसर्प दोष का नाश:
ऐसा कहा जाता है कि किसी भी महीने की अमावस्या को नर्मदा नदी में स्नान करने के बाद चाँदी से बने नाग का विसर्जन करने से इंसान की कुंडली के कालसर्प दोष को शांत किया जा सकता है और साथ ही साथ इसके दुष्प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।
ग्रहों के दोष से भी मिलती है मुक्ति:
ऐसा माना जाता है कि नर्मदा नदी में स्नान करने से ग्रहों के दोषों से भी मुक्ति मिलती है। इस नदी में स्नान करने से मंगल, शनि, राहू और केतु जैसे ग्रहों के दोषों से छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसी भी मान्यता है कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन इस नदी में स्नान करने से व्यक्ति के उपरी हवाओं को भी शांत किया जा सकता है। कहा जाता है कि इस नदी की उतपत्ति भगवन शंकर के कारण हुई थी, इसलिए इसमें बहुत सारी शक्तियों का वास है। यह भी कहा जाता है कि इस नदी में स्नान करने और इसके केवल दर्शन से ही सूर्य के सामान तेज, चन्द्र के समान शांत स्वाभाव, बुध के जैसे धैर्य और गुरु के जैसे धर्म का ज्ञान की प्राप्ति होती है।
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