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पाकिस्तान ने की सद्भावना की पहल, 220 भारतीय मछुआरों को रिहा किया

लम्बे समय से सीमा पर तनाव और भारत पाकिस्तान के संबंधो में खटास के बीच पाकिस्तान ने एक बार अपनी तरफ से सद्भावना की पहल की है, रविवार को पाकिस्तान ने भारत के 220 मछुआरों को रिहा कर दिया. यह कदम भारत पाकिस्तान संबंधों के लिहाज से अच्छा और सद्भावपूर्ण माना जा रहा है.

 

मछुआरों को ट्रेन के माध्यम से भेज दिया गया  :

पाकिस्तान की मालिर जेल के सुपरिटेंडेंट हसन सहतो ने बताया कि पाकिस्तानी जल सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में पकडे गये 220 भारतीय मछुआरों को पाकिस्तान की तरफ से रिहा किया गया. इन सभी मछुआरों को ट्रेन के माध्यम से वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया गया.

सहतो के अनुसार पाकिस्तान ने 220 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया लेकिन 219 अन्य मछुआरे अभी तक पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. और उनकी रिहाई के बारे में फ़िलहाल कोई निर्देश नहीं हैं.

 

गौरतलब है कि साल 2016 में पाकिस्तान की ओर से होने वाली आतंकी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हो गई थी, पठानकोट हमले और उड़ी हमले में पाकिस्तान के खिलाफ पुख्ता सबूत भी मिले थे लेकिन भारत के सबूतों को पाकिस्तान ने विश्व समुदाय के सामने सही मानने से इंकार कर दिया था और उसके बाद से ही कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियाँ तेज हो गई थीं. पाकिस्तान आये दिन सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा था.

उड़ी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को विश्व समुदाय में अलग थलग करने की नीति अपना ली और बलूचिस्तान में पाकिस्तान विरोधी ताकतों का समर्थन भी करने लगा, इससे पाकिस्तान घबरा गया और उसकी तरफ से भारत विरोधी गतिविधियाँ और तेज़ हो गयीं.

ऐसे में अचानक पाकिस्तान की तरफ से शांति और सद्भाव की पहल करना चौंकाने वाला तो है लेकिन स्वागत योग्य कदम भी है. गौरतलब है कि गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में मछुआरे कभी कभी भटक कर पाकिस्तानी सीमा में चले जाते हैं और ऐसे में सीमा पार करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है.

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