
जाने पूजा में प्रयोग होने वाली इन चीजों का क्या है महत्त्व!
नई दिल्ली. हम सभी भगवान की पूजा करते है और इस पूजा में कुछ चीजों का प्रयोग किया जाता है. ईश्वर की उपासना में उपयोग होने वाली सामग्री जैसे, धूप-दीप, प्रसाद और फूल हर चीज का अपना महत्व है और यह पूजा को सफल बनाने के के महत्वपूर्ण अंग हैं. इसीलिए तो मंदिर में कुछ देर बैठने भर से अपार मानसिक सुख मिलता है. मन शांत सा हो जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ईश्वर के हर रूप की उपासना में इन पूजन सामग्रियों का प्रयोग क्यों होता है.
अगरबत्ती
व्यक्ति के मन को एकाग्र करने के लिए सुगंध का प्रयोग करते हैं. तनाव घटाने के लिए भी सुगंध का प्रयोग किया जाता है. सुगंध से व्यक्ति अपने मन की तमाम चिंताओं को तुरंत दूर कर सकता है. इसीलिए पूजा के दौरान धूपबत्ती या अगरबत्ती का प्रयोग किया जाता है.अगरबत्ती की तुलना में धूपबत्ती का प्रयोग ज्यादा अच्छा मानते हैं.धूपबत्ती या तो पूजा के पहले जलाएं या पूजा के बाद.आमतौर पर पूजा के लिए चन्दन की धूपबत्ती का प्रयोग करना उत्तम होता है.
प्रसाद
ईश्वर के हर रूप को अलग-अलग तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो पूजन में प्रसाद अर्पित करना जरूरी नहीं लेकिन जिस पूजा में प्रसाद शामिल हो उसे उत्तम माना जाता है. ईश्वर की कृपा को अपने अन्दर लाने के लिए प्रसाद चढ़ाते हैं. प्रसाद चढ़ाने के बाद प्रसाद ग्रहण भी किया जाता है. प्रसाद के बिना भी पूजा हो सकती है लेकिन पूजा में प्रसाद हो तो ज्यादा अच्छा होगा. प्रसाद में कोई भी सात्विक चीज़ चढ़ा सकते हैं.फल, मिठाई और जल भी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जा सकता है.कुछ न हो सके तो शक्कर चढ़ाना उत्तम होता है.वैसे सफेद वस्तुओं का प्रसाद सबसे उत्तम माना जाता है.
फूल
हर देवी –देवता को कोई ना कोई फूल प्रिय होता है. इसलिए पूजा-उपासना में फूल अर्पित करने की परंपरा चली आ रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूजा में फूल अर्पित करना कितना जरूरी है और फूलों का महत्व क्या है. ईश्वर को फूल चढ़ाकर हम अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं. खुद भी फूलों का प्रयोग करके हम अपने मन को बेहतर करने की कोशिश करते हैं. अलग-अलग रंग और सुगंध के फूल अलग अलग तरह की भावनाएं दर्शाते हैं. ये फूल मानसिक भी हो सकते हैं और वास्तविक भी।इन फूलों को अपने इष्ट देव को अर्पित करना चाहिए.