शादी के बाद लड़के वालों ने कहा कि दुल्हन का बैग चेक कराओ, उसके बाद लड़की ने सिखाया सबक
न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: किसी के घर में जब बेटी पैदा होती है तो उसके मां-बाप का सपना होता है कि उसे उसके पैरों पर खड़ा करें और इस काबिल बनाएं कि वो अपनी जिंदगी अच्छे से बिता सके। हर मां-बाप चाहते हैं कि उसकी बेटी की शादी हो और वो अपने घर में जाकर खुश रहें, लेकिन इसी के साथ एक और बात जो माता-पिता को चिंता में डाल देती है वो है बेटी की शादी के लिए दहेज का इंतजाम करना। दहेज एक ऐसी कुप्रथा है जिसने ना जानें कितनी बेटियों को मौत की नींद सुला दिया है। लेकिन इसके बावजूद भी ये प्रथा खत्म नहीं हो रही है।
पुराने जमानें में तो मां-बाप घर, जमींन गिरवी रख कर बेटी की शादी और दहेज का इंतजाम करते थे, लेकिन अब समय बदल गया हैं। आज की लड़कियां खुद के पैंरो पर खड़ी हैं। हम आपको पहले भी ऐसी कई कहानियां बता चुके हैं, जिसमें लड़की ने शादी के बाद दहेज के चलते अपनी शादी को तोड़ दियां। और उन लालची लोगों के साथ जानें से मना कर दिया जो उससे ज्यादा इस बात पर जोर देते थे कि उनको दहेज में क्या मिल रहा है। और आज हम आपको जो कहानी बतानें जा रहे हैं वो भी कुछ ऐसी ही है। घर में शादी की तैयारिंया हुई, बारात आई शादी हुई, लड़के वालों की सभी मांगो को पूरा भी किया गया, लेकिन उनके बढ़ते लालच को देखकर लड़की ने विदाई के लिए मना कर दिया। तो चलिए आपको बताते हैं कि पूरा माजरा क्या है।
ये घटना है मध्य प्रदेश में रहने वाली शिवांगी अग्रवाल की। शिवांगी पेशे से इंजीनियर हैं और पैरामाउंट कंपनी में काम करती हैं। हर लड़की की तरह शिंवागी की लाइफ में भी शादी करने का समय आया। घर वालों ने एक लड़का ढूंढा और शादी पक्की हो गई। 15 फरवरी 2019 को शादी की डेट फाइनल हुई। मध्य प्रदेश के दतिया में रहने वाली शिवांगी की शादी की। शिवांगी के पिता का नाम द्वारका प्रसाद अग्रवाल हैं। उनकी चार बेटियां हैं जिनमें सबसे छोटी हैं शिवांगी। शिवांगी की शादी ग्वालियर में रहने वाले प्रतीक अग्रवाल से तय हुई। दहेज में उन्होंने 5 लाख रूपए की मांग की जिससे वो आने वाली बहू के लिए सारा सामान खरीद सकें।
लेकिन शादी वालें दिन तक उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया। इस बात पर जब शिवांगी ने प्रतीक से सवाल किया, तब उसने कहा कि सामान जल्द ही खरीद लिया जाएगा, वो चिंता ना करें। खैर शादी का दिन आ गया। प्रतीक बारात लेकर शिवांगी के घर पहुंचा। जब सभी मंडप पर बैठे से और शादी की रस्में चल रही थी, तभी लड़के वालों ने धीरे-धीरे अपनी मांग बढ़ानी शुरू कर दी। खैर किसी तरह घर वालों ने उनकी मांगो को पूरा किया। किसी तरह से शादी अच्छे से हो गई। लेकिन उसके बाद लड़के वालों ने ऐसी हरकत की कि शिवांगी को गुस्सा आ गया और उन्होंने विदाई करने से मना कर दिया।
दरअसल हुआ कुछ यूं कि विदाई के पहले लड़के वालों ने लड़की का सूटकेस खोलकर देखने की मांग की, इसके साथ ही कुछ खास मेहमानों को लिफाफे में रूपए रखकर देनें को कहा, साथ ही एक लाख रूपए की मांग भी कर दी। अचानक से इतना सब मांगने पर लड़की के पिता काफी बेबस हो गए। लड़के वालों को समझाने की काफी कोशिश की गई लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थे। शिवांगी के पिता की आंखों में आंसू थे। शिवांगी काफी देर से ये सब देख रही थीं। लेकिन जब उन्होंने अपने पिता की आंखों में आंसू देखे तो उन्होंने ससुराल जाने से मना कर दिया। शिवांगी ने कहा कि वो इन लालची लोगों के घर हरगिज भी नहीं जाएंगी। शिवांगी के घर वालों ने भी उनका साथ दिया।
शिवांगी के ससुराल ना जाने पर लड़के वालों को गुस्सा आ गया और दोनों पक्षों में काफी विवाद भी हुआ। बता दें कि विवाद इतना बढ़ गया था कि वहां पर पुलिस को बुलाना पड़ा। जिसके बाद मामला शांत हुआ। हालांकि लड़की पक्ष ने लड़के वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई, क्योंकि वो इस मामले को बढ़ाना नहीं चाहते थे।
शिवांगी ने अपने इस फैसले पर कहा कि, ‘मेरा कोई भाई नहीं है, इसलिए मैं चाहती थी कि मेरी शादी घर के पास ही हो. इसलिए मैंने प्रतीक के शादी करने के लिए हां कहा था. लेकिन वो लोग लालची थे. उन्हें पैसे चाहिए थे. मेरे पापा ने 5 लाख कैश पहले ही दे दिया था. 3 लाख के जेवर भी बनवाए थे. लेकिन फिर भी उन्हें और पैसे चाहिए थे. वो शादी के मंडप पर अपनी डिमांड बढ़ाते गए. उन्होंने मेरा सूटकेस खोलकर देखने की मांग की. एक लाख कैश मांगा. मैं ये सब नहीं देख सकी, इसलिए मैंने शादी के लिए मना कर दिया. मेरे पापा ने मेरी शादी में कुछ नहीं तो 15 लाख रुपए खर्च किए हैं. मैंने रातभर उन लोगों का नाटक देखा. जहां दहेज की डिमांड हो रही है, मैं वहां शादी नहीं कर सकती.’
‘मैं बाकी लड़कियों के लिए प्रेरणा बनना चाहती हूं. मैं चाहती हूं कि कोई भी लड़की ये न सोचे कि मेरी शादी सेट हो गई है, तो अब मुझे करनी ही पड़ेगी. और ऐसा सोचते हुए लड़केवालों की सारी डिमांड पूरी करते जाएं. ये सही नहीं है. आज उन लोगों ने सूटकेस खोलकर देखने की मांग की. कल जाकर कुछ और मांग कर सकते हैं. अभी भी वो कह रहे थे कि हमें शादी के बाद कार चाहिए. और तुम जब जॉब करके आओगी तो पैसे मेरी मम्मी को दोगी’.
शिवांगी का ये फैसला वाकई में उन लड़कियों के लिए मिसाल हैं जो इस दहेज की प्रताड़ना को झेल रही हैं। अगर शिवांगी की ही तरह हर लड़की ऐसा कदम उठाए तो कभी दहेज के चलते सुसाइड करने या दहेज के लिए किसी लड़की की जान नहीं जाएगी।