काफल के फायदे और सेवन करने का तरीका
काफल के फायदे : कुदरत की बनाई कोई भी चीज बहुत प्यारी होती है और हर उस चीज में कोई ना कोई खास बात होती है. फिर वो कोई निर्जीव चीज हो या फिर जीव-जन्तु हो, सभी में अपनी एक खासियत होती है जिसे हर किसी को पता होना चाहिए. बहुत से ऐसे पेड़-पौधे हैं जिसे सजीव और निर्जिव दोनों चीजों में गिना जाता है और इनके फूल, पत्ती या फिर किसी भी अंग से कुछ ना कुछ फायदा व्यक्ति को मिलता ही है. हम बात एक ऐसे फल की करने जो बहुत से गुण रखता है. इस सदाबहार फल से दूर होती है कैंसर और लकवा जैसी कई बड़ी बीमारियां, इसके बारे में जानिए और इससे जुड़े फायदों को पढिए शायद यह आपके किसी काम आ सके. यह फल मध्य हिमालयी इलाकों में बहुत ज्यादा पाया जाता है. आइये जानते है काफल के फायदे-
इस सदाबहार फल से दूर होती है कैंसर और लकवा जैसी कई बड़ी बीमारियां
शहतूत के जैसे दिखने वाला काफल एक फल है जो दवा बनाने के काम में आता है. इस फल में पेट से जुड़ी कई बड़ी बीमारियों को खत्म करने के गुण होते हैं इस फल की गुणवत्ता बहुत है और यह ज्यादातर विटामिन से भरा होता है, इसमें आयरन भरपूर मात्रा में होती है और इसमें पहाड़ी फल एंटी ऑक्सीडेंट से भरा होता है. यह फल में खट्टा और मीठा होता है जिसका जूस व्यक्ति के डायजेशन से जुड़ी सारी ही बीमारी को ठीक करने में सक्षम होता है. इस फल में कई तरह के प्रकृति तत्व भी पाए जाते हैं, जैसे माइरिकेटिन, मैरिकिट्रिन और ग्लाइकोसाइड्स. इनके अलााव इसकी पत्तियों में फ्लावेन-4 और हाइड्रोक्सी-3 भी पाया जाता है.
काफल को कई तरह की बीमारियों के लिए प्रयोग किया जाता है जैसे एनीमिया, अस्थमा, ब्रोकाइटिस, जुकाम, अतिसार, बुखार, मूत्राशय रोग और यकृत संबंधी बीमारियां इसे खाने ही ठीक हो जाती है. इसमें इतने सारे गुण होने के कारण काफल ना सिर्फ उन बीमारियों को बल्कि कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को भी सही से खत्म करता है.
काफल से होने वाले 7 फायदे
1. इसका फल अत्यधिक रस-युक्त और पाचक जूस से भरा होता है और इसमें पेट से जुड़ी कई बीमारियों को सही करने का भी गुण होता है.
2. काफल के फायदे से पेट के कई प्रकार के विकार दूर होते हैं. जिसमें अतिसार, अल्सर, गैस,कब्ज, एसिडीटी जैसी बीमारियां शामिल हैं.
3. मानसिक बीमारियों सहित कई प्रकार के रोगों के लिए काफल काम आता है, क्योंकि ये कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी डिप्रेशंट तत्वों से भरा होता है.
4. इसके तने की छाल का सार, अदरक तथा दालचीनी का मिश्रण अस्थमा, डायरिया, बुखार, टाइफाइड, पेचिश तथा फेफड़े ग्रस्त बीमारियों के लिए ज्यादा उपयोगी होता है.
5. इसके पेड़ की छाल तथा अन्य औषधीय पौधों के मिश्रण से निर्मित काफलड़ी चूर्ण को अदरक के जूस तथा शहद के साथ मिलाकर उपयोग करने से गले की बीमारी, खांसी तथा अस्थमा जैसे रोगों से छुटकारा मिलता है.
6. काफल के फूल का तेल कान दर्द, डायरिया तथा लकवे की बीमारी में उपयोग में लाया जाता है और इसका फल औषधी तथा पेट दर्द निवारक के रूप में उपयोग होता है.
7. इसके पेड़ की छाल का पाउडर जुकाम, आंख की बीमारी तथा सरदर्द में सूंघने से भी आराम मिलता है.
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