शहीद पति का चेहरा देखने के लिए तड़पती रही पत्नी, लेकिन नहीं खोला जा सका ताबूत का ढक्कन
14 फरवरी के दिन 44 CRPF जवान शहीद हुए हैं और उन्हें आतंकियों की घटिया मंशा की भेंट चढ़ना पड़ा जिसे देश बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. हर किसी की आंखे नम हैं और हर किसी के दिल में बदले की आग है कि पाकिस्तान से बदला लिया जाना चाहिए. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी में रहने वाला आतंकी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है और इसे जानने के बाद सिर्फ भारत के लोग ही नहीं बल्कि दुनिया के कई बड़े देश भी बौखला गए हैं.
अब हर बड़ा देश, भारत में विपक्ष दल के नेता सभी एक जुट होकर आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ना चाहते हैं. उन जवानों में एक जवान था शहीद श्याम बाबू दो यूपी के कानपुर देहात के रहने वाले थे. शनिवार को जब उनका पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो शहीद पति का चेहरा देखने के लिए तड़पती रही पत्नी, ये मंजर देखकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी रो पड़ीं.
शहीद पति का चेहरा देखने के लिए तड़पती रही पत्नी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शहीद श्याम बाबू के घर पहुंची और वहां पर उन्होंने पूरे परिवार के साथ-साथ पूरे गांव का दर्द देखा. हर तरफ श्याम बाबू अमर रहे का नारा लग रहा था और इसके साथ ही हर कोई पाकिस्तान मुर्दाबाद भी बोल रहा था. शहीद के पार्थिव शरीर को देखने गांव भर उमड़ पड़ा था हर किसी की आंखे नं थी. जब पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया तो शहीद की पत्नी ने पति का चेहरा देखने की मांग की लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई क्योंकि ताबूत का ढक्कन नहीं खोला जाना था. इस दौरान शहीद की पत्नी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी बाहों में पकड़ा हुआ था क्योंकि शहीद की पत्नी बार-बार बेहोश हो रही थी. इसी बीच स्मृति ईरानी के आंखों में भी आंसू देखा गया और उन्हें भी एक बार फूटकर रोते पाया गया.
जनपद कानपुर देहात के डेरापुर थाना क्षेत्र के नोनारी गांव में रहने वाले श्याम बाबू पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हो गए और अपने पीछे पूरे परिवार को छोड़ गए. गांव के लोगों ने दो दिन से चूल्हा नहीं जलाया और सभी को शहीद के पार्थिव शरीर गांव आने का इंतजार था. श्याम बाबू के पिता राम प्रसाद किसान हैं और उनके दो बेटे हैं जिनमें से श्याम बाबू बड़े बेटे थे. उन्होंने कहा उन्हें अपने बेटे पर गर्व है और जरूरत पड़ी तो दूसरे बेटे को भी फौज में भेज देंगे.
पत्नी का हो रहा है रो-रोकर बुरा हाल
शहीद श्याम की शादी रूबी से 6 साल पहले हई थी और उनका 4 साल का बेटा और 6 महीने की बेटी है. शहीद के पार्थिव शरीर को देखकर पत्नी ने बोला, ”जल्दी आने का वादा किया था और आप इतनी जल्दी आए वो भी इस तरह. जब घर से गए थे तब देखा था मुझे नहीं पता था कि अब नहीं देख पाऊंगी. अब बेटा किससे फोन पर बात करने की जिद करेगा दो दिन से कह रहा कि पापा से बात कराओ.” रूबी की इन बातों को सुनकर हर कोई रो पड़ा और सभी खामोश रहे. वहीं स्मृति ईरानी ने रूबी को गले लगाकर शांत करवाया और सांत्वना दी. शहीद की पत्नी को इस तरह रोता बिलखता देख स्मृति बार-बार अपने आंसू पोछ रही थीं.
स्मृति ने कहा, ”शहीदों के साथ सभी की संवेदनाएं जुड़ी हैं. आज देश का हर नागरिक इस हमले से सदमे में है और दुखी है. इसका आतंकियों और उनके आकाओं को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. बस आप सभी हौसला रखिए.”