काले धन पर शिकंजा कसने के लिए मोदी सरकार के बाद अब RBI सख्त, उठाया ये कदम.
नोटबंदी के बाद से ही सरकार काले धन के खुलासे पर प्रतिबद्ध दिख रही है, इसीलिए लगातार नये और कठोर नियम बनाये जा रही हैं, ऐसे में पुराने नोटों की वैधता बढ़ाये जाने की सम्भावना पर भी सवाल नहीं उठ रहे क्योंकि लोग जान चुके हैं कि मोदी सरकार काले धन को ख़त्म करने के लिये इस कदर प्रतिबद्ध है कि बिना सरकार की जानकारी के अब नोटबदलने के और मौके नहीं मिलने वाले.
नोटबंदी पर भारतीय रिज़र्व बैंक :
नोटबंदी पर भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में एक और बड़ा और बेहद अहम् फैसला लिया है, बताया जा रहा है कि नये फैसले के मुताबिक जिन बैंक खातों में 9 नवम्बर के बाद 2 लाख या इससे अधिक की रकम जमा हुई है उनमें से पैसे की निकासी पर फ़िलहाल रोक रहेगी, लेकिन ये नियम हर तरह के बैंक खातों पर लागू नहीं होता है, रिज़र्व बैंक के मुताबिक ये नियम केवल जनधन योजना के तहत खुले खातों और छोटे बैंक खातों पर लागू होगा, जिन बैंक खातों में नोटबंदी से पहले भी बड़ी रकम जमा होती और निकली जाती थी उन खातों पर यह नियम लागू नहीं होगा. जिन जनधन खातों में 2 लाख या उससे अधिक की रकम जमा की गई है उनपर रिज़र्व बैंक की पूरी नज़र है, और आरबीआई उनके हर ट्रांजेक्शन पर पैनी निगाह बनाये हुये है.
बैंकिंग प्रणाली का गलत उपयोग :
आरबीआई का मानना है कि बैंकिंग प्रणाली का गलत उपयोग करते हुये जनधन खातों में कालाधन जमा कराना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है, ऐसे खातों से धन निकासी से जुडी एक सशर्त अधिसूचना जारी की गई है, आरबीआई की अधिसूचना के मुताबिक शक के घेरे में आए बैंक खातों से पैसों के लेनदेन या निकासी के लिए पैन नंबर देना अनिवार्य होगा, जिन लोगों के पास पैन नंबर नहीं है, उन्हें फॉर्म 60 भरना जरूरी होगा.
दूसरी तरफ उन बैंक खातों पर भी निगाह रखी जा रही है जिनमें साल भर में एक लाख रूपये तक जमा करने की लिमिट है, ऐसे बैंक खातों से अब महीने में केवल 10 हज़ार रूपये ही निकाले जा सकेंगे, यह नियम सभी मिनी एकाउंट्स पर लागू होगा.
इन बैंक खातों पर आरबीआई का रुख इसलिये भी सख्त हुआ क्योंकि रिज़र्व बैंक को इनके केवाईसी यानी की ‘अपने ग्राहक को जानो’ नियम का उल्लंघन मिला है, ऐसे में बड़ी गड़बड़ी पाई गई है, आरबीआई ने कहा है कि एनबीएफसी इस बात को लागू करे कि हर लेनदेन के लिए पैन नंबर या फॉर्म 60 लिया जाए. इन नियमों का पालन नहीं करने पर ऐसे खातों से किसी तरह का लेनेदेन नहीं किया जा सकेगा.